अटारी बॉर्डर पर लगा सबसे ऊंचा झंडा इन दिनों परेशानियों का सामना कर रहा है। ये परेशानी दुश्मन देश पाकिस्तान की तरफ से नहीं बल्कि वहां चलने वाली तेज हवाओं की है। जिसकी वजह से पिछले दो हफ्तों में ही दो झंडे खराब हो गए और उनको उतारकर नए से बदलना पड़ा। ये तिरंगा 120 लंबा और 80 फुट चौड़ा है। झंडे के पोल का वजन 55 टन है और इसके निर्माण पर 3.5 करोड़ रुपए का खर्च आया है। यह पंजाब सरकार के अमृतसर सुधार न्यास प्राधिकरण की परियोजना थी।
प्राधिकरण के पास कुल 12 झंडे हैं। हर एक झंडे की कीमत एक लाख रुपए है। यानी दो लाख रुपए के झंडे खराब हो चुके हैं। अब प्राधिकरण के लोग भी परेशान हैं। प्राधिकरण के अधीक्षक अभियंता राजीव शेखरी ने कहा, ‘अगर हम एक महीने में पांच झंडे बदलते हैं को एक साल में 60 झंडे लगाने होंगे, इसका मतलब कि तिरंगा पूरे साल फहराए रखने के लिए 60 लाख रुपए चाहिए होंगे।’ उन्होंने सुझाव दिया है कि अब झंडे को खास मौकों पर ही फहराया जाए। जैसे स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस या फिर त्योहारों पर। उन्होंने बताया कि इस बात को मीटिंग में भी उठाया गया था।
तिरंगे को वहां लगाने वाली कंपनी भारत इलेक्ट्रिकल्स के कमाल कोहली ने कहा कि सबसे ऊंचे झंडे को लगाने से पहले किसी तरह की जांच-पड़ताल नहीं की गई थी कि वह झंडा वहां इतनी ऊंचाई पर मौसम का सामना कैसे करेगा। उन्होंने ही पेराशूट के कपड़े वाले तिरंगे का भी सुझाव दिया।
क्या है पैराशूट वाला तिरंगा: उसमें पैराशूट वाले फैबरिक से झंडे को बनाया जाता है। लेकिन उसकी कीमत चार लाख के करीब होती है। हालांकि, उसकी तीन महीने की गारंटी रहती है। उसको भी ट्राई करने की बात कही जा रही है।
अटारी पर लगा तिरंगा लाहौर से भी देखा जा सकता है। पाकिस्तान इससे खासा डरा हुआ था। उन्होंने आरोप लगाया था कि उससे भारत पाकिस्तान की जासूसी कर रहा है। लेकिन सरकार और सेना ने इस दावे को खारिज किया था। राज्य सरकार इस परियोजना पर अबतक 3.5 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है।