Atal Bihari Vajpayee: पंचतत्व में विलीन हो चुके भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां देश की तकरीबन 100 नदियों में विसर्जित की जाएंगी। रविवार (19 अगस्त) से इसकी शुरुआत गंगा नदी के साथ हरिद्वार में की जाएगी। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और गृह मंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व पीएम के परिजन के साथ जाकर अस्थियों को गंगा में प्रवाहित करेंगे। वाजपेयी की अस्थियों को इसके अलावा हर की पौड़ी में भी विसर्जित किया जाएगा।

बीजेपी ने हाल ही में एक सूची जारी की थी, जिसमें 15 दिनों के कार्यक्रम का ब्यौरा है। उसमें बताया गया है कि पूर्व पीएम की अस्थियां कौन-कौन सी नदियों में प्रवाहित की जाएंगी और कहां-कहां उन्हें लेकर प्रार्थना सभाओं का आयोजन होगा।


जिन नदियों में राजनीति के अजातशत्रु की अस्थियां बहाई जाएंगी, उनमें उत्तर प्रदेश की 22, महाराष्ट्र की नौ, तमिलनाडु की आठ, बिहार, कर्नाटक और ओडिशा की सात, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात की चार, उत्तराखंज व पंजाब की तीन, असम, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, गोवा, हिमाचल प्रदेश की दो के साथ दिल्ली, केरल, सिक्किम और दमन की एक-एक नदियां शामिल हैं।

पुरोहितों में पनपा विवादः रविवार को पूर्व पीएम की अस्थियों के विसर्जन से पहले हरिद्वार के पुरोहितों में विवाद पनप गया था। वे इस बाबत आमने-सामने आ गए कि आखिर कौन वाजपेयी के परिवार का पुरोहित का है। कुल तीन पुजारियों ने अपने-अपने दावे पेश किए के वे ही पूर्व पीएम के परिवार के पुजारी हैं। हर की पौड़ी घाट स्थित श्री गंगा सभा के अधिकारियों ने मामले की जानकारी पर कहा है कि वे इसे सुलझाने के प्रयास में जुटे हैं।

जी गए अटल जीः लंबी बीमारी के बाद वाजपेयी का निधन गुरुवार (16 अगस्त) को हुआ था। वह 94 साल के थे। पूर्व पीएम लगभग दो महीने से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती थे। अगले दिन (17 अगस्त) सुबह उनके पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन, दोपहर में अंतिम यात्रा के बाद शाम को अंतिम संस्कार किया गया था। दत्तक पुत्री नमिता भट्टाचार्य ने उन्हें मुखाग्नि दी थी।