Atal Bihari Vajpayee: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है। राजनेता, कवि और भारतीय राजनीति के महान नेताओं में शुमार अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ी बातें आज लोगों को रह-रहकर याद आ रही हैं। अटल बिहारी वाजपेयी के राजनैतिक सफर के बारे में तो काफी लोग जानते हैं, लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी के छात्र जीवन से जुड़ी एक बात से कम ही लोग वाकिफ होंगे। दरअसल अटल बिहारी वाजपेयी और उनके पिता ने कानपुर के डीएवी कॉलेज से एक साथ, एक ही क्लास में और एक ही हॉस्टल में रहते हुए कानून की पढ़ाई की थी। हुआ यूं कि अटल बिहारी वाजपेयी कानून की पढ़ाई के लिए कानपुर आना चाहते थे, तो उनके पिताजी कृष्ण बिहारी वाजपेयी ने कहा कि मैं भी तुम्हारे साथ कानून की पढ़ाई शुरु करुंगा। अटल बिहारी वाजपेयी के पिता उस वक्त राजकीय सेवा से रिटायर हो चुके थे, ऐसे में दोनों पिता-पुत्र कानून की पढ़ाई करने कानपुर पहुंच गए।
Atal Bihari Vajpayee Funeral Live Updates
बताया जाता है कि जब दोनों पिता-पुत्र कानपुर के डीएवी कॉलेज में एडमिशन लेने पहुंचे थे, तो कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसीपल श्रीयुत कालकाप्रसाद भटनागर इस बात से काफी आश्चर्यचकित हुए थे। बाद में दोनों का दाखिला एक ही सेक्शन में करा दिया गया था। हालांकि अटल जी अपने पिता के साथ पढ़ाई करते हुए थोड़ा शरमाते थे और जब उनके पिता क्लास में होते तो वह क्लास नहीं जाते थे। जिस दिन अटलजी कक्षा में ना आएं तो टीचर उनके पिता से पूछते कि “आपके पुत्र कहां हैं?” इसी तरह जब अटलजी के पिता क्लास में ना आएं तो टीचर अटलजी से पूछते कि “आपके पिताजी कहां हैं?” बताया जाता है कि इसके बाद पूरी क्लास ठहाकों से गूंज उठती थी। इतना ही नहीं पिता-पुत्र दोनों साथ में एक ही हॉस्टल में भी रहते थे। कई बार तो कॉलेज के छात्र पिता-पुत्र की इस जोड़ी ोको देखने आते थे।
कानपुर से पढ़ाई पूरी करने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी पीएचडी करने के लिए लखनऊ आ गए थे। हालांकि उनकी पीएचडी तो पूरी नहीं हो पायी, लेकिन यहां से उनके पत्रकारिता जीवन की शुरुआत हो गई। साल 1947 में लखनऊ में राष्ट्रधर्म पत्रिका की शुरुआत हुई, जिसके पहले संपादक अटल बिहारी वाजपेयी बनाए गए। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने साल 1948 में शुरु हुई पांचजन्य पत्रिका का भी संपादन किया और 1952 में दैनिक स्वदेश के संपादक भी रहे। इसी दौरान अटल जी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक का भी दायित्व संभाला।