अटल बिहारी वाजपेयी ने अपना बचपन आगरा में बिताया था। जब वह 10 साल के थे, उनके उम्र के बच्चे आगरा से होकर गुजरने वाली यमुना में छलांग लगाया करते, नहाया करते थे। लेकिन बाल अटल तैरना नहीं जानते थे। बच्चों द्वारा चिढ़ाने से एक बार वाजपेयी इतने नाराज हो गये थे कि तैरना ना जानते हुए भी यमुना में छलांग लगा दी थी और डूबते-डूबते बचे थे। ये वाकया यमुना के किनारे स्थित बटेश्वर नाथ मंदिर का है।
वाजपेयी के भतीजे 60 साल के राकेश वाजपेयी कहते हैं, “उनके दोस्तों ने उन्हें बाहर निकाला, और छाती पर दबाव डालकर पानी बाहर निकाला, बड़ी मुश्किल से अटल जी पानी को पेट से बाहर निकाल सके, इसके बाद वे तुंरत यमुना में नहीं गये, बजाय इसके उन्होंने तैरना सीखा, और दो साल बाद डूबकी लगाने फिर से लौटे।” गुरुवार को दिल्ली में जब पीएम के निधन की घोषणा की गई, बटेश्वर के हर मंदिर के पुजारी ने वाजपेयी के नाम से प्रार्थना की। लोग वाजपेयी के एक रिश्तेदार के मिठाई की दुकान के पास जमा हुए और परिवार के लोगों को सांत्वना दी। बटेश्वर में रहने वाले वाजपेयी के कुछ रिश्तेदार आज भी उन्हें ऐसे शख्स के रुप में याद करते हैं जो तैरना नहीं जानता था। जिन्होंने भारत छोड़ों आंदोलन के दौरान एक पुलिस पोस्ट में आग लगा दी थी, और जो बाद में भारत का प्रधानमंत्री बना।
बता दें कि वाजपेयी ग्वालियर में जन्मे थे। इसके बाद वे बाल्यावस्था में आगरा के बटेश्वर चले आए थे, यहां पर वे क्लास 5 तक पढ़े। वाजपेयी जब यहां से लौटे तब उनकी उम्र 15 साल थी। 1930 में यमुना के किनारे बटेश्वर में वाजपेयी के परिवार से जुड़े 60 परिवार रहते थे। 80 साल के वाजपेयी जी के भतीजे रामचंद्र बिहारी एक टूट हुए घर की ओर इशारा कर आजादी के आंदोलन में वाजपेयी जी की भागीदारी के बारे में बताते हैं। “1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान वाजपेयी यहीं ठहरे थे, ग्वालियर में उनके पिता उन्हें फटकार लगाते थे और वे अपने घर लौट गये।”
15 साल की उम्र में वाजपेयी ब्रिटिश सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिए लड़कों को इकट्ठा कर रहे थे। इस दौरान उनकी नजर बटेश्वर में एक मात्र ब्रिटिश पुलिस पोस्ट पर थी। स्थानीय लोग बताते हैं कि कैसे वाजपेयी और उनके दोस्त और उनके बड़े भाई प्रेम ने पुलिस पोस्ट में आग लगा दी और गायब हो गये। राकेश कहते हैं, “गोरी सरकार ने इन सबों पर सामूहिक जुर्माना लगाया था, उन्होंने कई लोगों को गिरफ्तार किया और जुर्माना लगाया। एक अखबार ने एक गलत खबर चला दी कि वाजपेयी अंग्रेजों से माफी से मांगना चाहते हैं। वाजपेयी काफी गुस्से में आ गये वे छुपना छोड़कर सामने आ गये ताकि अखबार के दावे को गलत साबित किया जा सके। बाद में उन्हें पास के एक गांव से गिरफ्तार किया गया था।” राकेश बताते हैं कि इस दौरान उन्हें 23 दिनों तक जेल में रहना पड़ा था।