जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक है। ऐसे में सभी दलों ने अपने-अपने प्रत्याशियों की लिस्ट निकालनी भी शुरू कर दी है। इस बीच केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) ने हरियाणा में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। पार्टी का यह फैसला थोड़ा आश्चर्यचकित करने वाला है क्योंकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पार्टी का मुख्य वोट आधार जाट समुदाय हरियाणा के प्रमुख समुदायों में से एक है।

वहीं, दूसरी ओर पार्टी आगामी जम्मू -कश्मीर विधानसभा चुनाव लड़ रही है, साथ ही झारखंड और महाराष्ट्र में भी चुनाव लड़ने की योजना बना रही है , जहां साल के अंत तक चुनाव होने की संभावना है। हालांकि, पार्टी भाजपा के नेतृत्व वाले NDA का हिस्सा है लेकिन दोनों पार्टियां जम्मू-कश्मीर में अकेले ही चुनाव लड़ रही हैं।

पार्टी महासचिव त्रिलोक त्यागी, जिन्होंने पिछले हफ़्ते केंद्र शासित प्रदेश में तैयारियों और उम्मीदवारों के चयन की समीक्षा की थी उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान कहा, “जम्मू-कश्मीर में आरएलडी का संगठन है और वह वहां विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है। आरएलडी वहां बिना गठबंधन के चुनाव लड़ रही है और उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी गई है।

हरियाणा में RLD ने अपना कैंडीडेट क्यों नहीं उतारा?

हरियाणा में पार्टी ने अपना उम्मीदवार क्यों नहीं उतारा जहां उसने आखिरी बार 2009 में चुनाव लड़ा था और सभी सात सीटों पर अपनी जमानत खो दी थी, इस सवाल पर आरएलडी के एक वरिष्ठ नेता ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “इससे पहले राज्य में दो विधानसभा सीटों के लिए भाजपा के साथ चर्चा हुई थी लेकिन ये बातचीत सफल नहीं हुई। इसलिए, हमने चुनावों में भाजपा की मदद करने का फैसला किया।”

आरएलडी के एक अंदरूनी सूत्र ने बताया कि पार्टी ऐसे राज्य में कुछ सीटों को लेकर अपनी नाव को हिलाना नहीं चाहती जहां उसके पास ज्यादा संभावनाएं नहीं हैं। इसके बजाय, जयंत चौधरी की पार्टी महाराष्ट्र, झारखंड और यूपी में होने वाले 10 विधानसभा उपचुनावों में कुछ सीटों पर बातचीत करना चाहती है।

आने वाले चुनावों में आरएलडी को BJP से सीटें मिलने की उम्मीद

आरएलडी के एक नेता ने कहा, “आरएलडी को उम्मीद है कि महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनावों में बीजेपी हमें कुछ सीटें देगी और हम उत्तर प्रदेश के उपचुनावों में एकजुट होकर लड़ेंगे। हरियाणा में बीजेपी सत्ताधारी पार्टी है और वह बेहतर स्थिति में है। आरएलडी के पास खोने के लिए वहां कुछ नहीं हैले किन अगर वह अलग से चुनाव लड़ती है तो इससे कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में जाट वोटों का बंटवारा हो जाएगा। इससे अच्छा संदेश नहीं जाएगा।”

RLD ने जम्मू-कश्मीर की 4 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए

जयंत चौधरी की पार्टी ने अब तक जम्मू-कश्मीर की जिन चार सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए हैं, वे हैं गंदेरबल, हजरतबल, बारामुल्ला और पट्टन। पार्टी को उम्मीद है कि नामांकन समाप्त होने से पहले वह और उम्मीदवार उतारेगी। पार्टी महासचिव त्रिलोक त्यागी ने कहा कि रालोद ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास, बेरोजगारी, किसानों की चिंताओं और जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य के दर्जे के मुद्दों पर प्रचार करेगी।

त्यागी ने कहा, “आजादी के बाद से ही जम्मू-कश्मीर में गांवों, किसानों, युवाओं और महिलाओं की अनदेखी की गई है। वहां सेब उत्पादकों के साथ अन्याय हो रहा है। हम जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा चाहते हैं।”

जम्मू-कश्मीर में आरएलडी के एक नेता ने कहा कि पार्टी ने पहले भी एक सीट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था लेकिन अपने चुनाव चिन्ह के साथ नहीं। नेता ने कहा, “यह पहली बार है कि आरएलडी अपने आधिकारिक चिन्ह (हैंडपंप) का उपयोग करके चुनाव लड़ेगी। इससे पार्टी को राज्य में विस्तार करने में मदद मिलेगी।”