Assam Nagaon Case: असम के नगांव जिले के धींग में गैंगरेप के मुख्य आरोपी ने पुलिस हिरासत से भागकर तालाब में छलांग लगा दी और उसकी मौत हो गई। उसको शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था। उसकी पहचान तफजुल इस्लाम के तौर पर हुई थी। गुरुवार को ट्यूशन क्लास से घर लौट रही नाबालिग लड़की के साथ वह गैंगरेप में शामिल एक आरोपी था। बाकी दो अभी फरार हैं।
पुलिस ने दावा किया कि पूछताछ के बाद इस्लाम को शनिवार को करीब तीन बजे क्राइम सीन पर ले जाया गया था। वह हथकड़ी लगे हुए ही तालाब में कूद गया। नागांव के एसपी स्वप्नवील डेका ने बताया कि हमने इलाके की घेराबंदी की और स्टेट डिजास्टर रिलीफ फोर्स को बुलाया। इसके बाद उन्होंने शव को बरामद किया। इसमें कांस्टेबल के हाथ में भी चोट लग गई है।
पूरे शहर में था गुस्सा
जब इंडियन एक्सप्रेस ने सवाल किया कि आरोपी को उस समय क्राइम सीन पर क्यों ले जाया गया, तो डेका ने कहा कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि शुक्रवार को पूरे दिन विरोध प्रदर्शनों की वजह से शहर गुस्से में था। रेप के बाद शहर में सैकड़ों स्थानीय लोग सड़क पर उतर आए और आरोपियों के खिलाफ सजा की मांग करने लगे।
डेका ने आगे कहा पुलिस स्टेशन को प्रदर्शनकारियों ने रात 11:30 बजे तक बंद रखा था। हमें अनुमान था कि शनिवार को भी विरोध प्रदर्शन होंगे, इसलिए रात का समय आरोपी को पहचान के लिए ले जाने और बाकी आरोपियों की तलाश में उनके घर पर छापा मारने के लिए बिल्कुल सही था। हम यह भी देखना चाहते थे कि वह क्राइम सीन को कितना जानता है। नाबालिग लड़की अभी नागांव के मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में भर्ती है। यहां पर उसको कुछ स्थानीय लड़को के द्वारा लाया गया था।
असम के नगांव गैंगरेप केस के मुख्य आरोपी की मौत, क्राइम सीन पर ले जाते वक्त तालाब में कूदा
उन्होंने कहा कि जहां पर वह लड़की मिली है, वहां पर धान के खेत हैं। इतना ही नहीं वहां पर कोई भी लाइट लगी हुई नहीं है। लड़की अपने दादा-दादी के साथ रहती थी। उसके पिता राज्य की राजधानी में काम करते हैं। जब वह छोटी थी तो उसकी मां का निधन हो गया था। उसकी दादी ने बताया कि शुक्रवार को जब लड़की दूसरे गांव से ट्यूशन पढ़कर घर पर नहीं लौटी तो वह चिंता करने लगीं। यहीं पर वह स्कूल भी जाती थी।
ट्यूशन पढ़ने दूसरे गांव जाती थी बेटी
दादी ने बताया कि वह एक हफ्ते में तीन बार दोपहर में ट्यूशन के लिए वहां पर जाती थी। ज्यादातर उसके चाचा उसे अपनी कार में वहा पर छोड़ देते थे और लेकर भी आ जाते हैं। लेकिन उस दिन वह साइकिल से वहां पर गई थी और जब वह शाम को 6 बजे तक घर पर नहीं लौटी तो मैंने उसकी सहेली को फोन मिलाया। उसने बताया कि वह कुछ देर पहले ही यहां से चली गई है। उन्होंने कहा कि उन्होंने लड़की को फोन भी नहीं दिया था।
उसके एक चचेरे भाई ने बताया कि वह दूसरे गांव में पढ़ने जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि वहां पर इंग्लिश मीडियम का स्कूल है। वह हमारे गांव की अकेली लड़की है जो वहां पर पढ़ने जाती थी। बाकी सभी यहां पर राज्य के स्कूल बोर्ड में ही पढ़ती हैं। हम सब ने ही उसे वहां पर पढ़ने के लिए भेजा था। ऐसा इसी वजह से ताकि वह अच्छे से पढ़ सके और अपनी जिंदगी में कुछ बढ़िया कर सके। हम इस बारे में बाद में सोचेंगे कि वह वहां पर जाएगी या नहीं। अभी के लिए हम केवल यही चाहते हैं कि वह वापस आए।
लोगों में डर का माहौल
उस लड़की के पिता गुरुवार की रात को गुवाहाटी से वापस आ गए। उन्होंने कहा कि जब मैं उससे मिला तो वह बोल भी नहीं पा रही थी। हमारे गांव में हर कोई डर में है। हम चाहते हैं कि बाकी के दो आरोपियों को भी जल्द से जल्द गिरफ्तार कर लिया जाए और उन्हें सख्त सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि नहीं तो लोग इसी डर में जीते रहेंगे कि उनकी लड़कियों के साथ भी कुछ ऐसा ही हो सकता है।
आरोपी का घर लड़की के घर से सटे गांव में ही है। इतना ही नहीं वहां पर शनिवार को पुलिस फोर्स तैनात की गई थी। स्थानीय पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी के मुताबिक, तनाव बढ़ने की आशंका के चलते जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है। शुक्रवार को मु्ख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा था कि मैं हमेशा कहता हूं कि लोअर असम, सेंट्रल असम और बराक जैसी जगहों पर हमारे अपने लोग काफी डर में जीते हैं।
लड़की के चचेरे भाई ने कहा कि यह स्वाभाविक है कि इस घटना के बाद लोगों के मन में दूसरे समुदाय के बारे में कुछ शक तो होने लगेगा, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि यहां सभी 24 गांवों के सभी समुदायों के लोग हमारा समर्थन कर रहे हैं। तनाव को कम करने के लिए इस्लाम गांव के लोगों ने ऐलान किया है कि वे उसके परिवार का सामूहिक तौर पर बहिष्कार कर देंगे।
आरोपी के परिवार का सामूहिक तौर पर बहिष्कार
आरोपी के गांव के रहने वाले सकलिन मुस्ताक अहमद ने कहा कि शनिवार को हमारी एक मीटिंग हुई और हम सभी ने सामूहिक तौर पर फैसला किया कि उसके परिवार को अलग-थलग कर देंगे। इतना ही नहीं हम उसके शव को अपने गांव के कब्रिस्तान में भी दफनाने की इजाजत बिल्कुल नहीं देंगे। हम हमेशा अलग-अलग समुदायों के लोगों के साथ रहते आए हैं और हमने यह फैसला इसी वजह से लिया है कि हम सभी साथ में ही रह सकें। इस्लाम के घर पर उसके पिता ने पूछा कि उसका बेटा हथकड़ी पहने हुए तालाब में क्यों कूदेगा। उन्होंने कहा कि अगर उसने कुछ किया है, तो मामला कोर्ट में जाना चाहिए, इस तरह नहीं।