असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और हैदराबाद से सांसद AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी के बीच आए दिन जुबानी जंग चलती ही रहती है। अब हिमंता के एक बयान पर ओवैसी फिर भड़क गए हैं और उन्होंने हिमंता के बयान को कट्टरतावादी सोच का नतीजा तक बता दिया है। बता दें कि हिमंता ने बंगाली मुस्लिमों को लेकर बयान दिया था लेकिन वह क्या था चलिए बताते हैं।

दरअसल, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने हाल ही में कहा था कि उन्हें बांग्ला मुसलमानों को स्वदेशी कहने में कोई परहेज नहीं है, बशर्ते वे बहुविवाह और बाल विवाह की धारणा छोड़ दें। हिमंता का यह बयान ओवैसी को रास नहीं आया है।

गौरतलब है कि बंगाली बोलने वाले मुसलमानों को मियां मुसलमान कहा जाता है। असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की और कहा कि “बंगाली भाषी मुसलमान पहले से ही भारत के लिए ‘स्वदेशी’ हैं।

ओवैसी ने हिमंता की तरफ तंज कसते हुए कहा कि वफादारी के लगातार सबूत मांगने वाले वह कोई नहीं हैं। यह सिर्फ कट्टरता और नस्लवाद का नग्न प्रदर्शन है। गौरतलब है कि हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा था कि उनकी सरकार को प्रवासी मुसलमानों को “स्वदेशी” कहने से कोई समस्या नहीं है, जब तक वे बाल विवाह, बहुविवाह को समाप्त नहीं ककर दें और अपने बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करें।

हिमंता ने कहा था कि मैंने अप्रवासी मुस्लिम लोगों से हमेशा कहा है कि उनकी सरकार को स्वदेशी होने से कोई आपत्ति नहीं है लेकिन उन्हें दो या तीन बार शादी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यह असम का रिवाज नहीं है।

हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा था कि हिंदू, मुस्लिम , असम के हिंदू, असम के मुस्लिम – भले ही वे शंकरदेव का अनुसरण करते हों या नहीं, वे सभी उनका सम्मान करते हैं।