Assam News: नॉर्थ-ईस्ट क्षेत्र में शांति व्यवस्था बहाल करने के उद्देश्य से उग्रवादी समूह, कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (KLO) के साथ शांति वार्ता की प्रक्रिया शुरू कर दी है। असम सरकार ने संगठन के कमांडर-इन-चीफ जीबन सिंघा कोच और कुछ नेताओं के उग्रवाद का रास्ता छोड़ने के बाद पूर्वोत्तर के सशस्त्र उग्रवादी समूह कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (KLO) के साथ शांति वार्ता की प्रक्रिया शुरू की है।
उग्रवादी संगठन कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (KLO) के स्वघोषित कमांडर इन चीफ जीबन सिंघा कोच और कुछ अन्य नेताओं ने उग्रवाद से निकलकर मुख्यधारा में शामिल होने का विकल्प चुना है। असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्र और असम सरकार कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशनल के सदस्यों के साथ बातचीत करेगी, जिसकी तारीखों का अंतिम रूप दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, “सरकार ने KLO के साथ बातचीत शुरू करने की पहल की है।”
जीबन सिंघा (Jiban Singha Koch) ने किया था सरेंडर
इससे पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा था कि यह बड़ी खबर है कि जीबन सिंह कोच मुख्यधारा में लौट आए हैं। सीएम सरमा ने कहा, “वह कुछ दिन पहले मुख्यधारा में शामिल हुए थे। उन्हें कुछ समय आराम करने दें, फिर वह सरकार के साथ चर्चा शुरू करेंगे।” दरअसल, हाल ही में जीबन सिंघा कोच ने नौ अन्य नेताओं और संगठन के सदस्यों के साथ नागालैंड के मोन जिले के लोंगवा क्षेत्र में सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।
सूत्रों के मुताबिक, जीबन सिंघा कोच इस समय गुवाहाटी के पास सीमा सुरक्षा बल (BSF) के शिविर में हैं, जहां स्वास्थ्य जांच के अलावा वह अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं। सीएम सरमा ने कहा, “यह बहुत महत्वपूर्ण है कि असम में आदिवासी विद्रोह लगभग खत्म हो गया है क्योंकि बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (BTR) से कार्बी आंगलोंग, दीमा हसाओ तक राज्य के अधिकांश आदिवासी उग्रवाद समूहों ने अपने हथियार डाल दिए हैं और सरकार के साथ शांति वार्ता में शामिल हो गए हैं।”
केएलओ कोच राजबंशी समुदाय के लिए अलग राज्य की मांग कर रहा है। यह समुदाय उत्तर पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में फैला हुआ है और असम में अलग कामतापुर राज्य की मांग कर रहा है।