असम की हिमंत बिस्‍वा सरमा सरकार ने अपने कर्मचारियों पर जीवन साथी के जीवित रहते हुए किसी अन्‍य से शादी करने पर रोक लगा दी है। और दूसरी शादी करने पर दंडात्‍मक कार्रवाई की चेतावनी दी है। पर्सनल लॉ में भले ही दूसरी शादी करने की इजाजत हो तो भी दूसरी शादी करने की अनुमति नहीं होगी। कार्मिक विभाग के कार्यालय पत्र में कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है कि यदि पति या पत्‍नी जीवित हैं तो किसी अन्‍य से शादी करने से पहले सरकार की अनुमति लेनी होगी। इसमें तलाक के मानदंड के बारे में उल्‍लेख नहीं किया गया है।

आदेश तत्‍काल प्रभाव से लागू

पत्र में कहा गया है, ‘कोई भी सरकारी कर्मचारी, जिसकी पत्‍नी जीवित है, सरकार की अनुमति के बिना दूसरी शादी नहीं करेगा, भले ही उस पर लागू होने वाले पर्सनल लॉ के तहत दूसरी शादी की अनुमति हो’ पत्र में कहा गया है कि इसी तरह ,कोई भी महिला सरकारी कर्मचारी जिसका पति जीवित है, सरकार की अनुमति के बिना दूसरी शादी नहीं करेगी। यह आदेश तत्‍काल प्रभाव से लागू हो गया है।

क्‍या कहते हैं मुख्‍यमंत्री

राज्‍य में सरकारी कर्मचारियों के लिए एक से अधिक विवाह पर प्रतिबंध से संबंधित राज्‍य सरकार के परिपत्र पर असम के मुख्‍यमंत्री हिमंत बिस्‍वा सरमा ने कहा यह नियम पहले भी था, पर हमने इसे लागू नहीं किया था। अब हमने इसे लागू करने का फैसला किया है।

कानून का उल्‍लंघन करने पर होगी कार्रवाई

कार्मिक विभाग के अतिरिक्‍त मुख्‍य सचिव नीरज वर्मा द्वारा इस अधिसूचना को 20 अक्‍टूबर को जारी किया गया था लेकिन बृहस्‍पतिवार को इस संबंध में पता चल पाया। इसमें कहा गया है कि दिशानिर्देश असम सिविल सेवा (आचरण) नियमावाली 1965 के नियम 26 के प्रावधानों के अनुसार जारी किए गए हैं। आदेश में कहा गया है ,’ उपरोक्‍त प्रावधानों के संदर्भ में, अनुशासनात्‍मक प्राधिकारी अनिवार्य सेवानिवृत्ति सहित जुर्माना लगाने के लिए तत्‍काल विभागीय कार्यवाही शुरू कर सकता है।’

आदेशा में इस तरह की प्रथा को एक सरकारी कर्मचारी की ओर से घोर कदाचार करार दिया गया, जिसका समाज पर बड़ा असर पड़ता है। कार्यालय पत्र में अधिकारियों से ऐसे मामले सामने आने पर आवश्‍यक कानूनी कदम उठाने के लिए कहा गया है।