असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बुधवार को घोषणा की कि उनकी सरकार बाल विवाह को रोकने के मकसद से अगले पांच सालों में कक्षा 11 से पोस्ट ग्रेजुएशन तक की सभी छात्राओं को स्टाइपेंड\वजीफा देगी। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि निजुत मोइना योजना 2024 को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है, जिसका अनुमान है कि लगभग 10 लाख लड़कियों को स्टाइपेंड देने के लिए पांच सालों में 1,500 करोड़ रुपये की जरूरत होगी।

बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए लाई गई योजना : मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि असम सरकार ने लड़कियों की कम उम्र में शादी के खिलाफ लड़ने और उन्हें पोस्ट ग्रेजुएशन तक तक अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए इस अनूठी योजना की घोषणा की गई है। इस योजना के तहत कक्षा 11 और 12 में पढ़ने वाली सभी लड़कियों को हर महीने 1,000 रुपये मिलेंगे। डिग्री छात्राओं के लिए यह 1,250 रुपये प्रति माह और पोस्ट ग्रेजुएट करने वाली लड़कियों के लिए 2,500 रुपये होंगे।

बाल विवाह को रोकना है मकसद

हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा,”इस योजना के जरिए हम असम में बाल विवाह को रोकना चाहते हैं और लड़कियों की शिक्षा की जिम्मेदारी लेना चाहते हैं। यह राशि हर महीने की 11 तारीख को लड़कियों के खातों में ट्रांसफर की जाएगी।”

मुख्यमंत्री ने कहा, “विवाहित लड़की को इसका फायदा नहीं मिलेगा। केवल वे विवाहित लड़कियां फायदा हासिल कर सकेंगी जो पीजी कोर्स कर रही हैं।” सरमा ने कहा कि इस योजना का एकमात्र उद्देश्य बाल विवाह को रोकना है। ताकि वह आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो सके और अपने और अपने परिवार के लिए बेहतर कर सके।

उन्होंने कहा, “मंत्रियों, विधायकों और सांसदों की बेटियों और निजी कॉलेजों में पढ़ने वाली छात्राओं को छोड़कर, सभी लड़कियों को उनकी आर्थिक स्थिति के बावजूद इस योजना में शामिल किया जाएगा। जून और जुलाई में गर्मी की छुट्टियों के दौरान कोई पैसा नहीं दिया जाएगा। छात्रवृत्ति छात्रों के बैंक खातों में साल में 10 महीने के लिए जमा की जाएगी।”