भारत की परोक्ष आलोचना करते हुए पाकिस्तान ने बुधवार को कहा कि संबंधों में गतिरोध के लिए एकतरफा कदम उठाना और पूर्व शर्तें एक नुस्खा है और उसने इस बात पर जोर दिया कि ‘कश्मीरियों की आकांक्षाओं की न तो आलोचना की जा सकती और न ही दबाया जा सकता।’ उसने कश्मीर मसले को सभी द्विपक्षीय संबंधों की मूल वजह करार दिया।
पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा कि उनका देश हमेशा भारत के साथ रिश्ते सामान्य बनाना चाहता है क्योंकि शांति न केवल दोनों देशों बल्कि पूरे क्षेत्र के हित में है। बासित ने कहा, एकतरफा कदम उठाना और पूर्व शर्तें दो देशों के बीच संबंधों में गतिरोध के लिए एक नुस्खा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि ‘भारत अपने रुख पर दोबारा गौर करेगा क्योंकि यह स्थिति संबंधों को हमेशा टकराव वाले हालात में बनाए रखने के तर्क को खारिज करती है।
पाकिस्तानी उच्चायोग की ओर से जारी बयान के अनुसार बासित यहां ‘भारतीय निर्यातक संगठन के महासंघ’ (एफआइइओ) को संबोधित कर रहे थे। पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच आपस की शत्रुता को खत्म करने में बाधा बन रहे कारणों का उल्लेख करते हुए कहा, सभी द्विपक्षयीय समस्याओं की मूल वजह जम्मू-कश्मीर का लंबित विवाद है। कश्मीरियों की अकांक्षाओं की न तो उपेक्षा की जा सकती और न ही दबाया जा सकता।
बासित की टिप्पणी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की ओर से कश्मीरी अलगाववादी संगठन दुखतरान-ए-मिल्लत की नेता आसिया इंद्राबी को पत्र लिखे जाने के कुछ दिनों बाद आई है। पत्र में शरीफ ने आसिया की भूमिका की सराहना की थी और अपनी सरकार की ओर से ‘नैतिक, राजनीतिक और कूटनीतिक सहयोग’ की प्रतिबद्धता जताई। इसी साल सितंबर में पाकिस्तान ने भारत पर पूर्व शर्तें रखने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की बातचीत रद्द कर दी थी। आर्थिक संबंधों पर पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने कहा कि आर्थिक संबंध अप्रत्याशित राजनीतिक माहौल में निरंतर गड़बड़ हो सकते हैं।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों के बीच अपार संभावना हैं और व्यापार को परस्पर रूप से लाभकारी बनाने के मद्देनजर समान अवसर जरूरी है। बासित ने आरोप लगाया, भारतीय पक्ष की ओर से गैर टैरिफ अवरोध पाकिस्तान से भारत को निर्यात पर विपरीत असर डाल रहा है।