MahaKumbh Mela 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ का समापन 26 फरवरी को हो गया है। लेकिन महाकुंभ को लेकर अभी भी सियासत जारी है। पिछले दिनों महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना यूबीटी चीफ उद्धव ठाकरे के महाकुंभ ना जाने पर सवाल खड़े किए थे, तो अब संजय राउत ने भी पलटवार किया है। एकनाथ शिंदे को हिंदुत्व के बारे में ट्रेनिंग देने की जरूरत है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत कुंभ मेले में नहीं गए। देवेंद्र फडणवीस गए थे, लेकिन उनके कितने मंत्री वहां गए। मोहन भागवत वहां क्यों नहीं गए, उन्हें पहले इसका जवाब देना चाहिए और फिर पूछना चाहिए कि उद्धव ठाकरे वहां क्यों नहीं गए।
महाकुंभ में शामिल न होने के लिए शिवसेना प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर शिंदे द्वारा निशाना साधे जाने पर राउत ने कहा, ‘शिंदे को यह सवाल सबसे पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से पूछना चाहिए। अगर भागवत एक हिंदू के तौर पर कुंभ में डुबकी लगाने नहीं गए हैं, तो फिर उद्धव ठाकरे पर निशाना क्यों साधा जा रहा है।’ राउत ने यह भी कहा कि उन्होंने आरएसएस संस्थापक डॉ. केबी हेडगेवार या एमएस गोलवलकर, बालासाहेब देवरस, रज्जू भैया और के सुदर्शन जैसे पिछले संघ प्रमुखों की देश में किसी भी कुंभ में भाग लेने की तस्वीरें कभी नहीं देखीं। उन्होंने कहा कि यहां तक कि हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर भी कभी कुंभ मेले में नहीं आए।
महाराष्ट्र बजट से जनता को क्या उम्मीद?
पीएम मोदी समेत कई नेताओं ने लगाई थी डुबकी
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले महीने महाकुंभ में पवित्र डुबकी लगाई थी। राउत ने आगे कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पिछले महीने महाकुंभ में शामिल हुए थे, लेकिन उनके कितने कैबिनेट सहयोगी या विधायक वहां गए थे। शिवसेना नेता ने कहा कि ऐसे मुद्दों को छोड़ दीजिए।
शिवसेना यूबीटी विपक्ष के नेता के पद पर दावा करेगी पेश
सोमवार से शुरू होने जा रहे महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में राउत ने कहा कि शिवसेना यूबीटी विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद के लिए अपना दावा पेश करेगी। उन्होंने कहा, ‘हमने नाम भी तय कर लिया है। भले ही हमारी संख्या कम हो, लेकिन संविधान में ऐसा कोई कानून या प्रावधान नहीं है जो कहता हो कि सदन को विपक्ष के नेता के बिना काम करना चाहिए।’ महाराष्ट्र की राजनीति में क्या हो रहा है?