कोरोना से लड़ाई में मुंबई की झुग्गी बस्ती धारावी ने दुनिया को राह दिखाई है। धारावी में कोरोना के प्रसार को काबू करने के प्रयासों की विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सराहना की है। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने कहा है कि निजी चिकित्सकों के सहयोग और सामुदायिक सहभागिता के जरिए सक्रियता से की गई जांच ने इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में मदद की।

बीएमसी के जी उत्तरी वार्ड के सहायक आयुक्त किरण दिघावकर ने शनिवार को कहा कि नगर निकाय ने मरीजों का इंतजार करने, उनके संपर्कों का पता लगाने, एकांतवास में भेजने और घर में पृथक करने संबंधी अपने परंपरागत दृष्टिकोण में बदलाव कर सक्रियता से जांच शुरू करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इससे मामलों का जल्द पता लगाने, समय पर इलाज और मरीजों को स्वस्थ होने में मदद मिली। कम से कम छह से सात लाख लोगों की जांच की गई है और 13 हजार लोगों को चिकित्सा सुविधाओं और सामुदायिक रसोई के साथ संस्थागत एकांतवास में भेजा गया।

आधिकारिक आंकड़े के अनुसार अप्रैल में मामलों के दोगुना होने की दर 18 दिन थी, जबकि मई में इसमें सुधार हुआ और यह 43 दिन हो गई और जून और जुलाई में यह 108 और 430 दिन है। धारावी में अब तक कोविड-19 के मामलों की कुल संख्या 2,359 है। इस समय केवल 166 मरीज उपचाराधीन हैं और 1,952 मरीजों को अब तक अस्पतालों से छुट्टी मिल चुकी है। दिघावकर ने कहा कि धारावी की कम से कम 80 फीसद जनसंख्या 450 सामुदायिक शौचालयों पर निर्भर है और प्रशासन ने एक दिन में कई बार इन शौचालयों को संक्रमणमुक्त किया।

उन्होंने कहा कि हमने चार टी-‘ट्रेसिंग, ट्रैकिंग, टेस्टिंग और ट्रीटिंग’ पर ध्यान केंद्रित कर इस विषाणु पर काबू पाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, बुजुर्ग लोगों की विशेष देखभाल की गई और 8,246 वरिष्ठ नागरिकों का सर्वेक्षण किया गया।
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सामुदायिक सहभागिता धारावी में कोरोना विषाणु को फैलने से रोकने में महत्वपूर्ण रही है और स्थानीय सामुदायिक नेताओं को ‘कोविड योद्धा’ नियुक्त किया गया था। नगर निकाय ने ‘मिशन धारावी’ की प्रशंसा करने के लिए डब्लूएचओ को ट्विटर पर धन्यवाद दिया।