भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने 18 केंद्रीय संरक्षित स्मारकों की एक सूची जारी की है। इनकों ASI अपनी लिस्ट से हटाना चाहता है क्योंकि ये अब राष्ट्रीय महत्व नहीं रखते हैं। पिछले साल संस्कृति मंत्रालय ने एक सूची संसदीय समिति को सौंपी थी, जिसमें 24 अनट्रेसेबल स्मारकों की लिस्ट थी। ये 18 नाम इस लिस्ट से मेल खाते हैं।
जिन स्मारकों को हटाने की लिस्ट बनाई गई है, उसमे हरियाणा के मुजेसर गांव में कोस मीनार नंबर 13, दिल्ली में बारा खंबा कब्रिस्तान, झांसी के रंगून में गनर बर्किल का मकबरा, लखनऊ में गऊघाट पर कब्रिस्तान और तेलिया नाला बौद्ध खंडहर (जो उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक निर्जन गांव का हिस्सा है) शामिल है।
स्मारकों को सूची से हटाने का मतलब यह है कि केंद्रीय एजेंसी के पास उनकी सुरक्षा करने की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी और क्षेत्र में निर्माण और शहरीकरण से संबंधित गतिविधियों को नियमित तरीके से किया जा सकता है। वर्तमान में एएसआई के दायरे में 3,693 स्मारक हैं, जो अगले कुछ हफ्तों में सूची से हटाने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद घटकर 3,675 रह जाएंगे।
पिछले सप्ताह प्रकाशित 8 मार्च की एक आधिकारिक गजट अधिसूचना के अनुसार एएसआई ने 18 स्मारकों को सूची से हटाने के लिए प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 (एएमएएसआर अधिनियम) की धारा 35 को लागू किया है। इसमें कहा गया है कि इन स्मारकों के राष्ट्रीय महत्त्व अब समाप्त हो गए हैं।
AMASR Act की धारा 35 के अनुसार इन स्मारकों को सूची से हटाया गया है।” अधिसूचना में दो महीने के भीतर जनता से आपत्तियां या सुझाव मांगे गए हैं।एएमएएसआर अधिनियम के तहत राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों को इतिहास और संस्कृति से संबंधित एक महत्वपूर्ण स्थल के रूप में एएसआई द्वारा संरक्षित और बनाए रखा जाना है, और संरक्षित स्थल के आसपास किसी भी प्रकार की निर्माण-संबंधी गतिविधि की अनुमति नहीं है।
पिछले साल 8 दिसंबर को संस्कृति मंत्रालय ने संसद को बताया था कि भारत के 3,693 केंद्रीय संरक्षित स्मारकों में से 50 गायब हो गए हैं। गायब स्मारकों में उत्तर प्रदेश के 11, साथ ही दिल्ली और हरियाणा के दो-दो स्मारक शामिल हैं। इसमें असम, पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड के स्मारक भी शामिल हैं। एएसआई के अनुसार इन 50 स्मारकों में से 14 तेजी से शहरीकरण के कारण नष्ट हो गए, 12 जलाशयों या बांधों के कारण डूब गए, और 24 का पता नहीं चल पाया है।
2013 में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने आजादी के बाद किए गए अपनी तरह के पहले फिजिकल वेरिफिकेशन एक्सरसाइज के बाद 92 स्मारकों को लापता घोषित किया था। एएसआई ने कहा कि इन 92 लापता स्मारकों में से 42 की बाद में पहचान की गई।