उत्तर प्रदेश के संभल जिले में मिली 150 साल पुरानी बावड़ी का सर्वे ASI की टीम कर रही है। इस दौरान संभल के लाडम सराय इलाके में खुदाई के दौरान प्रशासन को मिले एक पुराने कुएं का निरीक्षण भी किया जा रहा। जानकारी के मुताबिक ASI ने बावड़ी की खुदाई एक मंज़िल तक पूरी कर ली है। खुदाई वाली जगह भीड़ इकट्ठा होने के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था में अब प्रादेशिक आर्म्‍ड कांस्टेबुलरी (पीएसी) के जवानों की तैनाती हो गई है।

क्या है बावड़ी से जुड़ा पूरा मामला?

पीटीआई भाषा के मुताबिक संभल में 13 दिसंबर को लगभग 46 साल से बंद भस्म शंकर मंदिर के फिर से खुलने के बाद यह खुदाई की जा रही है। संभल में चंदौसी के लक्ष्मण गंज इलाके में 21 दिसंबर को खुदाई के दौरान लगभग 150 साल पुरानी और 400 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली यह बावड़ी मिली है।

चंदौसी नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी (ईओ) कृष्ण कुमार सोनकर ने मंगलवार को पत्रकारों को बताया कि बावड़ी की खुदाई को चौथा दिन है। उन्होंने कहा, ‘‘अभी तक मिट्टी ऊपर थी तो जेसीबी और ट्रैक्टर लगाकर मिट्टी हटाई गई। अब नीचे बावड़ी का निर्माण दिखने लगा तो श्रमिकों को लगाकर फावड़े से मलबा और मिट्टी हटाई जा रही है।’’

संभल के जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेंसिया ने कहा कि बावड़ी की ऊपरी मंजिल ईंटों से बनी है, जबकि दूसरी और तीसरी मंजिल संगमरमर की है। उन्होंने कहा कि संरचना में चार कमरे और एक बावड़ी भी है।

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पेंसिया ने कहा कि संरचना पूरी तरह से मिट्टी से ढकी हुई है और नगर पालिका की टीम ऊपरी मिट्टी को हटा रही है। इस समय केवल 210 वर्ग मीटर खुला है और बाकी पर कब्जा है। हम अतिक्रमण हटाने के लिए कार्रवाई करेंगे। उन्होंने आगे अनुमान लगाया कि यह बावड़ी 150 साल से अधिक पुरानी हो सकती है।