भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने शनिवार को ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे के दूसरे दिन मस्जिद के हॉल की जांच की ताकि यह मालूम चल सके कि 17 वीं शताब्दी की मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया था या नहीं। आज सर्वे का तीसरा दिन है और सुबह 8 बजे से काम शुरू हो चुका है।
शुक्रवार को सर्वे से दूर रहने के बाद शनिवार को मुस्लिम पक्ष के पांच सदस्य भी इस दौरान मौजूद रहे। ASI ने दो दिनों के सर्वे में कई पहलूओं पर जांच कर कई तस्वीरें जमा की हैं। ASI अधिकारियों के मुताबिक टीम ने मस्जिद के सेंट्रल हॉल की जांच की है जहां नमाज पढ़ी जाती है, टीम ने मस्जिद के बेसमेंट की भी जांच की है।
हिन्दू पक्ष के वकील ने क्या दावा किया?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हिंदू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने दावा किया है कि मलबे में मूर्तियां नहीं बल्कि मूर्तियों के टुकड़े मिले हैं, हमें पूरी उम्मीद है कि मूर्तियां भी बरामद होंगी। सुधीर त्रिपाठी ने बताया, “इंतेजामिया मस्जिद कमेटी सहयोग कर रही है। उन्होंने दो चाबियां अब दे दी हैं जो वे पहले नहीं दे रहे थे।
हिंदू पक्ष के एक अन्य वकील सुभाष नंदन ने संवाददाताओं को बताया कि एएसआई टीम ने मुख्य गुंबद के नीचे केंद्रीय कक्ष की जांच की।
मुस्लिम पक्ष ने क्या कहा?
शुक्रवार की देर रात इंतेजामिया मस्जिद कमेटी के संयुक्त सचिव मुहम्मद यासीन ने पत्र में कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हुए सर्वेक्षण काम में सहयोग करेंगे।
उन्होंने कहा, “सर्वेक्षण कार्य पर रोक लगाने से इनकार करने वाले सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को ध्यान में रखते हुए, अंजुमन इंतजामिया मस्जिद ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का सम्मान करते हुए वह सर्वेक्षण कार्य में एएसआई के साथ सहयोग करेगी।”
IIT कानपुर के निदेशक अभय करंदीकर ने पीटीआई को फोन पर बताया कि संस्थान के पृथ्वी विज्ञान विभाग की एक टीम वाराणसी में है और विभाग के प्रोफेसर जावेद एन मलिक देश लौटने के बाद जल्द ही इसमें शामिल होंगे।