सेल्फी स्टिक के ध्यानपूर्वक इस्तेमाल को लेकर पिछले साल जारी की गई एक अस्थायी एडवाइज़री के बाद द आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) द्वारा कई पर्यटन स्थलों पर सेल्फी स्टिक ले जाने पर पाबंदी लगाई गई। इन जगहों में ताजमहल का म्यूज़ियम समेत देश के मौजूद 46 म्यूज़ियम शामिल हैं। यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि कई बार लोग एक दम नजदीक जाकर प्रदर्शनी की चीजों के साथ फोटों लेने लगते हैं जिसके कारण इतिहासिक चीजों और कलाकृतियों का नुकसान पहुंचता है। बुधवार को एएसआई द्वारा जारी किए गए नए नोटिफेकेशन में साफ कहा गया है कि म्यूज़ियम परिसर में सेल्फी स्टिक लाने की अनुमति नहीं है। सेल्फी स्टिक के अलावा भारी कैमरा और फ्लैशलाइट का म्यूज़ियम में इस्तेमाल करने पर पाबंदी लगाई गई है।
इसकी जानकारी देते हुए एएसआई के डायरेक्टर डॉ. के लॉरडुस्वामी ने बताया कि समय बदल रहा है और लोग आसानी से अपने फोन के जरिए म्यूज़ियम में रखी कलाकृतियों की तस्वीरें ले सकते हैं। सेल्फी स्टिक पर बैन लगाने के पीछे हमारा यही मकसद है कि प्राचीन धरोहर को कोई नुकसान न पहुंचा सके। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि सभी इतिहासिक मोन्यूमेंट के म्यूज़ियमों में कोई भी व्यक्ति कहीं भी फोटों खींच सकता है उससे कोई पैसा नहीं लिया जाता लेकिन वे अब ट्राइपोड, मोनोपॉड्स और फ्लैशलाइट का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। पर्यटकों के केवल म्यूज़िम में मौजूद लाइट के जरिए ही फोटो खींचने की अनुमति होगी।
एएसआई द्वारा सेल्फी स्टिक पर लगाए गए बैन में दिल्ली स्थित इंडियन वॉर मेमोरियल, कोनार्क का आर्केलॉडिकल म्यूज़ियम और देश के कई म्यूज़ियम शामिल हैं जिनकी देखभाल एएसआई करता है। वहीं जब दिल्ली के नेशनल म्यूज़ियम के बारे में एडिशनल डायरेक्टर जनरल आर.के मिश्रा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह संस्कृति मंत्रालय के तहत आनी वाली एक स्वायत्त बॉडी है, जो कि फिलहाल इस तरह की किसी परेशानी का सामना नहीं कर रही है। अगर सेल्फी स्टिक के द्वारा म्यूज़ियम को कोई नुकसान पहुंचता है तो हम भी इस पर बैन लगाने के बारे में विचार करेंगे और इसके लिए एक नया नियम लागू करेंगे लेकिन अभी इस पर बैन लगाने की आवश्यकता नहीं है।