Asaram Son Narayan Sai: आश्रम में एक नाबालिग से बलात्कार के आरोप में जोधपुर जेल में बंद आसाराम बापू से अब उसका बेटा नारायण साईं मिल सकेगा। गुजरात हाई कोर्ट ने इसको लेकर नारायण साईं को इजाजत दे दी है, लेकिन शर्त भी लगाई है। हाई कोर्ट ने कहा कि यह मुलाकात चार घंटे से ज्यादा नहीं होगी।
बता दें, यौन शोषण के आरोप में आसाराम जोधपुर जेल में बंद है। वहीं उसका बेटा नारायण साईं भी रेप के आरोप में सूरत की लाजपोर जेल में बंद है। जेल में बंद नारायण साईं ने जोधपुर जेल में बंद पिता आसाराम से मिलने के लिए गुजरात हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी। अब हाईकोर्ट ने नारायण साईं को आसाराम से मिलने के लिए सशर्त इजाजत दे दी है।
गुजरात के सूरत में की सेंट्रल जेल में बंद नारायण साईं ने पिता आसाराम से मिलने देने की अनुमति मांगी थी। शुक्रवार को नारायण साईं की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। नारायण साईं बलात्कार और यौन उत्पीड़न के मामले में सूरत की लाजपोर सेंट्रल जेल में बंद है। याचिका में नारायण साईं ने कहा है कि उसके पिता की तबीयत ठीक नहीं है। इसलिए वह अपने पिता से मिलना चाहता है। आसाराम रेप और यौन उत्पीड़न के दो मामलों में सजा के बाद जोधपुर की जेल में बंद है। पिछले दिनों आसाराम को इलाज के लिए पैरोल मिली थी। इसके बाद आसाराम को कड़ी सुरक्षा में महाराष्ट्र के रायगढ़ ले जाया गया था।
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बिगड़ सकती है लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति
बिगड़ सकती है लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति
गुजरात हाईकोर्ट में नारायण साईं की याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने नारायण साईं की याचिका पर विरोध किया। सरकार ने दलील दी कि बड़ी संख्या में अनुयाई हैं। वह इकठ्ठा होंगे तो लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बिगड़ सकती है। सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट ने नारायण साईं को हवाई मार्ग से ले जाने के लिए बोला। इस पर राज्य सरकार ने कहा कि नारायण के साथ पुलिस अफसर और कर्मचारी भी जाएंगे और उनका खर्चा भी याचिकाकर्ता को उठाना होगा। इसके बाद हाइकोर्ट ने नारायण साईं को 10 लाख डिपॉजिट करने को कहा। कोर्ट ने कहा कि इस मुलाकात के लिए पहले यह रकम जमा की जाए। खर्च होगा वह काट के बाकी की रकम लौटा दी जाएगी।
सरकार तय करेगी नारायण साईं का रूट
हाईकोर्ट ने जो व्यवस्था दी है। उसके अनुसार नारायण साईं को कब कब और कौन सी फ्लाइट से ले जाया जाएगा। उसका टाइम क्या होगा। वह कौन से रूट से जाएगी। यह सब सरकार तय करेगी ताकि कोई भीड़ भाड़ न हो। गुजरात हाइकोर्ट ने नारायण साईं की तरफ से पेश वकीलों को अगले सात दिन में रकम सरकार के पास जमा कराने को कहा था। इसके बाद गुजरात हाइकोर्ट के लिखित आदेश के जरिए आगे का प्रोसेस शुरू होगा।