नाबालिग से बलात्कार मामले में जेल में बंद कथावाचक आसाराम को जोधपुर की अदालत ने दोषी करार दिया है। उनके साथ चार अन्य आरोपियों को भी कोर्ट ने दोषी माना है। आसाराम और उनके अनुयायी राहत मिलने की आस संजोए थे, मगर ठोस चार्जशीट और सुबूतों ने आरोप साबित कर दिए।

आसाराम के बुरे दिन 2013 के अगस्त महीने में शुरू हुए। तारीख थी सात अगस्त।जब अचानक पीड़िता के पिता केमोबाइल पर आए एक फोन ने परिवार की नींद हराम कर दी। यह फोन मध्य प्रदेश के छिंदबाड़ा स्थित आसाराम के गुरुकुल आश्रम से आता है। वार्डन बच्ची के बीमार होने की खबर देती हैं। कहती हैं कि बच्ची पर भूतप्रेत का साया है। आसाराम बापू ही इसे ठीक कर सकते हैं। मां-बाप पहुंचते हैं तो उनकी भेंट वार्डन शिल्पी और सेवादार शिवा से होती है। वे मां-बाप को  जोधपुर में मौजूद आसाराम के पास इलाज के लिए लड़की को ले जाने के लिए कहते हैं। फिर मां-बाप 14 अगस्त को जोधपुर के मणाई आश्रम बच्ची को ले जाते हैं। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के दिन आसाराम अनुष्ठान के लिए लड़की को बुलाते हैं। एफआइआर और चार्जशीट के मुताबिक कुटिया में बच्ची को बुलाकर मां-बाप को बाहर जाकर ध्यान लगाने के लिए कहते हैं। इसके बाद आसाराम कुटिया का दरवाजा बंद कर लड़की को डरा-धमकाकर जबरन शारीरिक संबंध बनाते हैं।

केस में कब-क्या हुआः 16 अगस्त को परिवार जोधपुर आश्रम से यूपी के शाहजहांपुर अपने घर रवाना होता है। घर पर बेटी मां-बाप से आपबीती बयां करती है तो उनके पैरों तले जमीन खिसक जाती है। जिसे अपना सबकुछ मानते थे, उसी ने बेटी के साथ गलत काम किया। इस पर मां-बाप आसाराम से शिकायत करने के लिए दिल्ली रवाना होते हैं। उन्हें पता चलता है कि आसाराम का दिल्ली में कार्यक्रम है। 19 अगस्त को दिल्ली में पीड़ित परिवार ने आसाराम से मिलने की कोशिश की मगर चेलों ने नहीं मिलने दिया, उधर जब खबर आसाराम को लगी तो वह खिसक लिए। जिसके बाद 20 अगस्त 2013 को आसाराम के खिलाफ लड़की के मां-बाप ने केस दर्ज कराया। चूंकि घटना के वक्त लड़की 16 साल की नाबालिग थी, इस नाते आसाराम पर पॉक्सो एक्ट भी लगा।

पुलिस ने उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 342,376,354 ए, 506 और 509 के तहत केस दर्ज किया। इसी तारीख को पुलिस ने नाबालिक का मेडिकल मुआयना कराया और फिर मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज हुए। चूंकि यह मामला हाईप्रोफाल रहा तो पुलिस ने भी जांच में तेजी दिखाई। अगले ही दिन 21 अगस्त को केस घटनास्थल यानी जोधपुर महिला थाने को ट्रांसफर हो गया। महज 15 दिन के बाद एक सितंबर2013 को पुलिस ने आसाराम को इंदौर आश्रम से गिरफ्तार कर लिया। करीब दो महीने बाद छह नवंबर को ही पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी। आठ नवंबर 2013 को हाई कोर्ट ने इस मामले की डे टू डे सुनवाई के आदेश दिए।