मोदी सरकार के एक फैसले पर AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भड़के हुए हैं। दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आईबी और दिल्ली पुलिस कमिश्नर समेत कुल 10 एजेंसियों को कॉल या डेटा इंटरसेप्ट करने का अधिकार दिया है। इसके लिए अब सुरक्षा एजेंसियों किसी शख्स या संस्थान की जांच के लिए गृहमंत्रालय की मंजूरी नहीं लेनी पड़ेगी। इसके लिए बाकायदा नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया। अब एजेंसिया किसी के भी मोबाइल, लैपटॉप या कंप्यूटर आदि से जानकारी हासिल कर सकती हैं। सरकार द्वारा जासूसी को और आसान बनाने पर असदुद्दीन ओवैसी ने नाराजगी जाहिर की है।

ओवैसी ने एक ट्विट करते हुए तंज कसा कि अब समझ में आया कि घर-घर मोदी का मतलब क्या है। उन्होंने कहा, ” मोदी ने राष्ट्रीय एजेंसियों को हमारी बातचीत की जासूसी का आदेश पारित कर दिया है।” गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के प्रचार में ‘हर-हर मोदी, घर-घर मोदी’ का नारा काफी मशहूर हुआ था।

गृहमंत्रालय ने सुरक्षा का हवाला देते हुए 10 एजेंसियों जिसमें नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, रॉ, आईबी आदि शामिल हैं। एजेंसियों को यह अधिकार आईटी एक्ट की धारा-69 के तहत दिया गया है। इसके मुताबिक यदि एजेंसियों को किसी संस्थान या व्यक्ति पर देशविरोधी गतिविधियों में शामिल होने का शक होता है तो वे उनके कंप्यूटर, मोबाइल आदि की जांच कर सकती हैं। इस बारे में सभी को आदेश जारी किया जा चुका है।