गुजरात और उत्तर प्रदेश की दो घटनाओं के बाद एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने वीडियो शेयर कर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। गुजरात के जूनागढ़ और उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर की घटनाओं को लेकर आरोप लगाया जा रहा है कि वहां मुस्लिम लोगों की पिटाई की गई। जिस पर ओवैसी ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम पर ही जुल्म होगा और हम ही जालिम कहलाएंगे।
उन्होंने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि हम पर ही जुल्म होगा हम ही जालिम कहलाएंगे। हम को ही मारा जाएगा और हम पर ही मुकदमे चलाए जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि भारत में हिन्दुत्व इंतिहा-पसंदी उरुज पर है, शर्पसंद हिंदुत्ववादियों के शर-पसंदी की कुछ चिंगारी पुलिस विभाग तक पहुंच चुकी है। उसका जीता जागता मिसाल आजकी 2 खबर की सुर्खियां हैं। उन्होंने दो वीडियो शेयर किए हैं, पहली वीडियो को लेकर उन्होंने दावा किया है कि यह गुजरात के जूनागढ़ की है। इसमें कुछ लोग दरगाह के बाहर लाइन में खड़े हुए नजर आ रहे हैं। वहीं, कुछ और लोग भी हैं, जिन्होंने मुंह पर कपड़ा बांधा हुआ है और वे लाइन में खड़े हुए आदमियों को मारते हुए दिख रहे हैं।
ओवैसी ने अपने कैप्शन में लिखा, “पहली खबर: गुजरात के जूनागढ़ में दरगाह को तोड़ने का मुस्लिम युवकों ने विरोध किया तो जनता का रक्षक कहे जाने वाली पुलिस, मुस्लिम युवकों को उसी दरगाह के सामने अपने पट्टे से सबके सामने पीट रही है।”
दूसरी वीडियो में ओवैसी ने एक शख्स को लेकर दावा किया कि वह दिहाड़ी मजदूर है, उसे एक पेड़ पर बांधकर पीटा गया, सिर मुंडवा दिया गया और कुछ लोगों ने उस पर ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने के लिए दबाव बनाया। हालांकि, वीडियो में बाकी लोग नजर नहीं आ रहे हैं और उनकी सिर्फ आवाज सुनाई दे रही है। इसके साथ कैप्शन में ओवैसी ने लिखा कि दूसरी खबर: बुलंदशहर में एक दिहाड़ी मजदूर को पेड़ से बांधकर पीटा गया और उसका सिर मुंडवाकर जबरन ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने के लिए कहा गया। उन्होंने आगे कहा कि दोषियों के खिलाफ एक्शन लेने के बजाय साहिल को जेल भेज दिया गया। ओवैसी ने कहा कि साहिल अपनी फरियाद लेकर कहां जाए।
जूनागढ़ में अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत एक दरगाह को लेकर नोटिस दिया गया था, जिसे लेकर हिंसक झड़ंप हो गई। अधिकारियों ने बताया कि इन झड़पों में एक शख्स की मौत हो गई और कम से कम पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस घटना के सिलसिले में कम से कम 174 लोगों को हिरासत में लिया गया है। अधिकारियों ने कहा कि पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। अधिकारियों ने बताया कि जूनागढ़ नगर निगम ने 14 जून को मजेवाड़ी दरगाह को एक नोटिस जारी किया था, जिसमें प्रशासन से पांच दिनों के भीतर जमीन के स्वामित्व से संबंधित कानूनी दस्तावेज पेश करने को कहा गया था।
