पैगंबर पर विवादित टिप्पणी को लेकर सियासत जारी है। सभी पार्टियों की तरफ से लगातार बयानबाजी हो रही है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली पुलिस ने कड़ा रुख अपनाया है। पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेते हुए भड़काऊ भाषण के मामले में करीब 32 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इस सूची में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का नाम भी शामिल है। औवैसी ने दिल्ली पुलिस की FIR पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि आखिर उन्होंने कौन सी ऐसी टिप्पणी की जो आपत्तिजनक थी, जिस पर केस दर्ज किया गया है।

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर भाजपा पर निशाना साधा है। साथ ही दिल्ली पुलिस पर साहस न दिखाने का आरोप लगाया है। अपने पहले ट्वीट में ओवैसी ने लिखा है, ”मुझे FIR का एक हिस्सा मिला है। यह पहली FIR मैं देख रहा हूँ, जिसमें ये स्पष्ट नहीं किया गया है कि अपराध क्या है। कल्पना कीजिए, हत्या के मामले में FIR दर्ज हो और पुलिस ये बताए ही न कि किस हथियार से हमला किया गया या हत्या का कारण क्या था। इसी तरह मुझे नहीं पता कि मेरी किस टिप्पणी के कारण मुझ पर FIR की गई है।”

अपने एक दूसरे ट्वीट में ओवैसी लिखते हैं, ”ऐसा लगता है कि दिल्ली पुलिस में यती, नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल जैसों के खिलाफ मामले को आगे बढ़ाने का साहस नहीं है, देरी और कमजोर प्रतिक्रिया का यही कारण है।”

वैसे बता दें कि दिल्ली पुलिस ने यती नरसिंहनाद, नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। इस मामले में पुलिस ने अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए आधिकारिक ट्विटर हैंडल से दो ट्वीट किया है। ट्वीट में लिखा है, हमने सार्वजनिक शांति भंग करने और लोगों को भड़काने की कोशिश करने वालों के खिलाफ FIR दर्ज की है। सोशल मीडिया विश्लेषण के आधार पर उपयुक्त धाराओं में दो प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसमें नुपुर शर्मा, नवीन कुमार जिंदल, असदुद्दीन ओवैसी और कई अन्य लोगों का नाम शामिल है।