हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को हिंसा हुई थी और इसमें 6 लोगों की मौत हो गई। वहीं इस घटना के बाद राज्य की बीजेपी सरकार निशाने पर आ गई। घटना के बाद नूंह जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए बुलडोजर एक्शन लिया और कई अवैध निर्माण को गिराया गया। वहीं बुलडोजर एक्शन पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाये हैं।

असदुद्दीन ओवैसी ने खट्टर सरकार पर साधा निशाना

असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करते हुए लिखा, “सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कोई भी बुलडोज़र एक्शन लेने से पहले सरकार को क़ानून की प्रक्रिया (due process) का पालन करना होगा। बिना बिल्डिंग मालिक को अपनी बात रखने का मौका दिए कोई कार्रवाई नहीं हो सकती। बस इल्ज़ाम की बुनियाद पर सैकड़ों ग़रीब परिवारों को बेघर कर दिया गया। भले ही संघी अपनी बर्बरता पर गर्व करते हों, लेकिन न ये क़ानूनी तौर पर सही है और न ही इंसानियत के तक़ाज़े से जायज़ है। हरियाणा में सिर्फ़ ग़रीब मुसलमानों को निशाना बनाया गया है और एक तरफ़ा कार्रवाई की जा रही है।”

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि असली मुज़रिम बंदूक़ लेकर खुले आम घूम रहे हैं। उनके आगे तो खट्टर सरकार ने अपने घुटने टेक दिए। ओवैसी ने पूछा कि मिट्टी के मकान और झुग्गी-झोपड़ियों को तोड़ कर अपने-आप को ताक़तवर समझना क्या बड़ी बात है?

नूंह के डिप्टी कमिश्नर (DC) प्रशांत पंवार द्वारा जारी एक प्रेस नोट में कहा गया है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के आदेश पर बुलडोजर कार्रवाई की गई। प्रेस नोट में कहा गया कि मुख्यमंत्री ने कहा कि असामाजिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली किसी भी अवैध संरचना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

नूंह के डिप्टी कमिश्नर का ट्रांसफर

नूंह के डिप्टी कमिश्नर प्रशांत पंवार का शुक्रवार शाम ट्रांसफर कर दिया गया। उन्होंने प्रेस नोट में कहा, “नलहर शिव मंदिर के पीछे पांच एकड़ वन भूमि पर अवैध संरचनाएं बनाई गई थीं और अधिकारियों ने शुक्रवार को अपनी कार्रवाई के दौरान उन सभी संरचनाओं को ध्वस्त कर दिया।”

वहीं इस बीच हरियाणा सरकार ने शनिवार को नूंह में मोबाइल इंटरनेट और SMS सेवाओं पर बैन 8 अगस्त तक बढ़ा दिया। मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं का बैन बढ़ाने का आदेश अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) टी वी एस एन प्रसाद ने शनिवार शाम को जारी किया।