रूस के बाद जर्मनी ने भी किया पीओके में भारत की सर्जिकल स्ट्राइक का समर्थन किया है। भारत में जर्मनी के राजदूत मार्टिन नी ने बुधवार को कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में जर्मनी उसके साथ खड़ा रहेगा। नियंत्रण रेखा के पार हाल ही में भारतीय सेना के लक्षित हमलों पर पूछे गये एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘एक स्पष्ट अंतरराष्ट्रीय नियम है कि प्रत्येक देश को अपने क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से बचाने का अधिकार है। मैं इसे इस तरह से भी कह सकता हूं कि यह बिल्कुल स्पष्ट है कि इस मुद्दे (सीमा पार आतंकवाद) से संबंधित अंतरराष्ट्रीय कानून में दो नियम हैं। पहला स्पष्ट नियम है कि प्रत्येक देश को कानूनी अधिकार के तहत सुनिश्चित करना चाहिए कि उसकी जमीन से आतंकवाद नहीं फैल रहा हो।’
मार्टिन ने साथ ही कहा, ‘दूसरा, स्पष्ट अंतरराष्ट्रीय कानून है कि कि प्रत्येक देश को किसी भी तरह के वैश्विक आतंकवाद से अपने क्षेत्र को बचाने का अधिकार है। जब आतंकवाद से मुकाबले की बात आती है तो जर्मनी अपने रणनीतिक साझेदार :भारत: के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। ये बयान केवल खोखले शब्द नहीं हैं। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल के हस्ताक्षर वाले राजनीतिक घोषणापत्र में भी बिल्कुल स्पष्ट है। मैं आपको विश्वास दिला सकता हूं कि आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़े होने की बात खोखली राजनीतिक बयानबाजी नहीं है बल्कि ठोस परियोजनाओं से युक्त है।’
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बता दें, 18 सितंबर को कश्मीर के उरी सेक्टर में सेना के आर्मी कैंप पर आतंकियों ने हमला कर दिया था। इस हमले में भारतीय सेना के 18 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद भारतीय सेना ने 29 सितंबर को एलओसी पार करके पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक किया था। इसकी जानकारी भारतीय सेना ने दी थी। भारतीय सेना ने बताया था कि सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए पीओके स्थित आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया गया था। इसमें कई आतंकियों के मारे जाने की रिपोर्ट सामने आई थी। हालांकि, पाकिस्तान ने भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक के दावे का खंडन किया था। पाकिस्तानी सेना ने कहा था कि भारत की ओर से कोई भी सर्जिकल स्ट्राइक नहीं किया गया। सीमा पर दोनों पक्षों में फायरिंग हुई थी, जिसमें दो पाकिस्तानी जवान मारे गए।
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In counter terrorism,stand side by side with our strategic partner India, thats clear and these are not empty political words-Dr. Martin Ney
— ANI (@ANI) October 5, 2016