तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने शुक्रवार को कहा कि वह सामाजिक न्याय के ज़रिए से समतावादी समाज बनाने का प्रयास कर रहे हैं। सीएम ने कहा कि जब तक वह ज़िंदा हैं, तब तक वह धार्मिक कट्टरता के लिए कोई जगह नहीं देंगे। तमिलनाडु के सीएम ने आगे कहा कि कुछ वर्गों ने उनके आदर्शों के रास्ते में बाधाएं खड़ी की हैं, लेकिन वह उन्हें याद दिलाना चाहते थे कि तमिलनाडु तर्कवादी नेता पेरियार रामासामी की धरती है और संविधान के निर्माता बी आर अंबेडकर के सिद्धांतों पर पला-बढ़ा है।

क्या बोले सीएम एम के स्टालिन?

मुख्यमंत्री ने सफाई कर्मचारियों और सरकारी कल्याण सेवा के लिए आयोजित एक समारोह में बोलते हुए कहा, “पेरियार की भूमि और अंबेडकर के सिद्धांतों पर विकसित राज्य में आपकी धार्मिक कट्टरता और जातिवादी विचार कभी पूरे नहीं होंगे। जब तक यह स्टालिन मौजूद है, तब तक आप सफल नहीं हो पाएंगे।”

CM स्टालिन ने आगे कहा कि हमारी सरकार एक समतावादी समाज की स्थापना के मार्ग पर चल रही है जिसे पेरियार और अंबेडकर देखना चाहते थे।

योजनाओं को लेकर दिया बयान

DMK सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के कल्याण के लिए शुरू की गई विभिन्न योजनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि योजनाओं की संख्या चाहे जितनी भी हो, हमारी सरकार ने जो नाम कमाया है उसका मुख्य कारण सफाई कर्मचारियों की सेवा और समर्पण है।

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अदाणी समूह के साथ करार को लेकर क्या चर्चा है?

तमिलनाडु के विद्युत मंत्री वी सेंथिल बालाजी ने शुक्रवार को दावा किया कि राज्य के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने उद्योगपति गौतम अदाणी से मुलाकात नहीं की और ना ही अदाणी समूह के साथ कोई करार किया है। बालाजी ने इस बारे में अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी।

उन्होंने कहा कि द्रमुक सरकार ने कोई अनुबंध नहीं किया था और केवल 7.01 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदने से संबंधित एक मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है। उन्होंने 2015 में अन्नाद्रमुक की सरकार के दौरान रामनाथपुरम जिले में कंपनी के 648 मेगावाट के सौर संयंत्र से बिजली खरीदने के लिए 25 साल की अवधि के लिए किए गए समझौते का जिक्र किया।