मंगलवार सुबह 10 बजकर 29 मिनट पर अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘मोदी कायर और मानसिक रोगी हैं’। ठीक उसी समय बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह को उनके स्‍टाफ ने एक प्रिंट आउट दिया। इसके बाद 11 अकबर रोड स्थित निवास से निकलकर अमित शाह संसद भवन गए और लंच ब्रेक में गृह मंत्री राजनाथ सिंह के ऑफिस पहुंचे। उस समय गृह मंत्रालय के अफसर और गृह राज्‍य मंत्री जितेंद्र सिंह रिपोटर्स को सूचना दे रहे थे कि सीबीआई ने सीएम ऑफिस नहीं बल्कि केजरीवाल के प्रिंसिपल सेक्रेटरी के यहां रेड मारी है। वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने राज्‍य सभा में बयान देकर पार्टी की ‘ऑफिशियल लाइन’ पहले ही तय कर दी थी। कुछ कांग्रेसी नेताओं ने भी केजरीवाल के शब्‍दों पर एतराज जताया। केरल के एक वरिष्‍ठ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘यह देश के लिए अच्‍छा नहीं है।’ दूसरी ओर अमित शाह ने अरुण जेटली और सुषमा स्‍वराज से मुलाकात की। ठीक उसी समय घटनाक्रम की पूरी जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी दी जा रही थी।

शुरुआत में केजरीवाल के शब्‍दों ने बीजेपी को हैरान किया, लेकिन कुछ घंटे बाद उसके नेताओं ने पलटवार करना शुरू कर दिया था। दोपहर 1.30 से लेकर 2.30 बजे तक अमित शाह ने सबकुछ सामान्‍य दिखाने की कोशिश कर रहे थे। वह पत्रकारों से बात कर रहे थे। केजरीवाल के ट्वीट से जुड़े सवालों पर भी वह बोले, लेकिन साथ ही यह भी कह रहे थे कि उनकी प्रतिक्रिया ‘ऑफ द रिकॉर्ड’ है। दूसरी ओर बीजेपी की पूरी मशीनरी भ्रष्‍टाचार के मामले में आरोपी आईएएस अफसर राजेंद्र कुमार के यहां मारी गई सीबीआई रेड को सही ठहराने में जुटी थी। राजेंद्र कुमार पर जो भ्रष्‍टाचार के आरोप हैं, वह उस समय के हैं, जब शीला दीक्षित दिल्‍ली की मुख्‍यमंत्री थीं और वह उनके साथ काम किया करते थे।

शीला दीक्षित के एक करीब रहे एक कांग्रेस नेता ने कहा, ‘राजेंद्र कुमार की गिनती काफी अच्‍छे अफसरों में की जाती थीं, लेकिन जब शीला मुख्‍यमंत्री थीं, तब उन्‍हें राजेंद्र कुमार के खिलाफ शिकायतें मिली थीं। उस वक्‍त वह वैट डिपार्टमेंट में तैनात थे। बाद में उनका तबादला शिक्षा मंत्रालय में कर दिया गया था।’ सूत्रों के मुताबिक, यही वो समय था जब कांग्रेस को राजेंद्र कुमार और केजरीवाल के बीच करीबी रिश्‍तों का शक हुआ था। कांग्रेस को शक था कि केजरीवाल और राजेंद्र कुमार चुपचाप मुलाकात करते थे। मुख्‍यमंत्री बनने के बाद जब केजरीवाल ने राजेंद्र कुमार को प्रिंसिपल सेक्रेटरी चुना, तब किसी को हैरानी नहीं हुई।

वहीं, बीजेपी सूत्रों ने कहा कि केजरीवाल का गुस्‍सा बनावटी है और उन्‍हें पूरा भरोसा है कि सीबीआई उनके भरोसेमंद अफसर के खिलाफ मजबूत केस खड़ा कर देगी। केजरीवाल के राजनीतिक जीवन के दो प्रमुख आधार हैं। पहला- भ्रष्‍टाचार और दूसरा- झुग्‍गी बस्‍ती में रहने वाले गरीब वोटर। वह गुस्‍सा इसलिए हो रहे हैं, क्‍योंकि अब ये दोनों वोट बैंक हिल रहे हैं। कई बीजेपी नेता केजरीवाल के ट्वीट से भी ज्‍यादा मंगलवार दोपहर को पीएम और जेटली के खिलाफ दिए बयानों पर हैरान थे।

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