दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के भरोसेमंद लोगों में गिने जाने वाले राजिंदर नगर से विधायक दुर्गेश पाठक को बीते सोमवार सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में नामजद किया है। पाठक के साथ ही सीबीआई ने चार और लोगों का नाम शामिल किया है। हालांकि सीबीआई जांच की शुरुआत में पाठक का नाम नहीं था।

दिल्ली शराब नीति मामले में सीबीआई और ईडी जांच कर रही हैं। इस मामले में आम आदमी पार्टी पर आरोप है कि पार्टी से जुड़े लोगों ने दिल्ली शराब नीति के तहत पैसा बनाकर उसका उपयोग साल 2022 में हुए गोवा विधानसभा चुनाव के दौरान किया था। पार्टी पर ईडी ने आरोप लगाया कि चुनाव में खर्च हुआ पैसा हवाला लेनदेन के माध्यम से गोवा पहुंचा था। उस चुनाव के दौरान दुर्गेश पाठक गोवा राज्य के प्रभारी थे। ईडी इसको लेकर पाठक से दो बार पूछताछ कर चुकी है।

पाठक को केजरीवाल का भरोसेमंद माना जाता है। दोनों के बीच साथ साल 2010 से ही बना हुआ है। साल 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान पाठक दिल्ली राज्य के सह-संयोजक थे जबकि साल 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव के सह प्रभारी थे। पार्टी में लंबे समय तक काम करने के बाद साल 2022 में पाठक राजिंदर नगर से विधायक बने। हालांकि पार्टी के ही कुछ नेताओं का ऐसा मानना है कि पाठक को उनके उम्र और अनुभव से कहीं ज्यादा पार्टी ने जिम्मेदारी सौंपी है।

आम आदमी पार्टी के उदय के बाद हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में केजरीवाल ने तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी का पूरा प्रबंधन पाठक ही देख रहे थे। जिसका परिणाम रहा कि शीला दीक्षित बुरी तरह से हारीं।

2022 में पहली बार पहुंचे विधानसभा

साल 2020 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में राजिंदर नगर से वर्तमान राज्यसभा सांसद राघव चड्डा विधायक चुने गए थे। लेकिन साल 2022 में उनको केजरीवाल ने राज्यसभा भेज दिया। जिसके बाद राजिंदर नगर के लिए हुए उपचुनाव में दुर्गेश पाठक चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे।

इलाहाबाद से सिविल की तैयारी करने आए थे दिल्ली

पाठक मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के रहने वाले हैं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में एमए करने के बाद साल 2010 में वह दिल्ली सिविल सेवा की तैयारी करने के लिए चले आए। उसी दौरान शुरू हुए अन्ना आंदोलन में पाठक भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में सक्रिय हुए। जहां से उनके और केजरीवाल के बीच एक दूसरे पर विश्वास की शुरुआत हुई।