दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री के साथ मीटिंग के दौरान उनका मोबाइल फोन बाहर ही रखवा लिया गया। यह मीटिंग 16 जुलाई को हुई थी। दस साल बाद हुई अंतरराज्यीय परिषद (इंटर स्टेट काउंसिल) की इस बैठक में कई मुख्यमंत्री शामिल हुए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी अध्यक्षता की थी। इस बारे में केजरीवाल ने मंगलवार (19 जुलाई) को बताया कि सभी के फोन नहीं रखवाए गए, लेकिन कुछ मुख्यमंत्रियों को फोन लेकर अंदर नहीं जाने दिया गया।
केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘मेरे और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित कुछ चुनिंदा मुख्यमंत्रियों से फोन बाहर रखने के लिए कहा गया। ममताजी ने इसका विरोध भी किया। उन्होंने कहा कि अगर वह फोन बाहर रख देंगी तो बंगाल में कोई इमरजेंसी हो जाने की स्थिति में उन्हें जानकारी कैसे मिलेगी। तब उन्हें फोन लेकर जाने की अनुमति दे दी गई, पर मुझे इसकी इजाजत नहीं मिली।’ केजरीवाल ने दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में यह बात कही। वह वहां आईआईटी खड़गपुर के अपने एक बैचमेट द्वारा लिखी किताब ‘Arvind Kejriwal and The Aam Aadmi Party — An Inside Look’ के लोकार्पण के मौके पर बोल रहे थे।
केजरीवाल ने कहा, ‘उन्होंने ममताजी का भाषण भी काट दिया और मेरे भाषण के दौरान भी कई बार टोकटोकी की। अगर आप (पीएम मोदी) विपक्ष की बात सुनना ही नहीं चाहते तो फिर हमें बुलाना ही नहीं चाहिए था।’