Delhi Assembly: दिल्ली विधानसभा में पिछले 10 साल से सीट नंबर 1 पर बैठने वाले पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सीट बदल गई। गुरुवार को सदन में केजरीवाल को सीट नंबर 41 मिली। दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी की सीट 19 से बदलकर 1 नंबर कर दी गई। विधानसभा में यह सीटों का बदलाव केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद हुआ।
उपमुख्यमंत्री के तौर पर मनीष सिसोदिया पहले अरविंद केजरीवाल के ठीक बराबर में सीट नंबर 2 पर बैठते थे। लेकिन अब उपमुख्यमंत्री पद जाने के बाद उनकी सीट नंबर 40 हो गई है। हालांकि सिसोदिया अब भी केजरीवाल के साथ हैं, लेकिन सीट नंबर 40 पर बैठेंगे। केजरीवाल और सिसोदिया दोनों की सीटें स्पीकर के दाईं ओर पहली पंक्ति में स्थित हैं। वहीं मुख्यमंत्री आतिशी के बराबर में सीट नंबर 2 पर सौरभ भारद्वाज बैठेंगे।
विधानसभ में नई सीटिंग व्यवस्था के अनुसार, आतिशी के बाद सबसे ज़्यादा मंत्रालय संभाल रहे सौरभ भारद्वाज को सीट 2 आवंटित की गई है। पहले वे सीट नंबर 8 पर बैठते थे। वहीं, परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को उनकी पहले की सीट 2 से 8 पर बैठाया गया है।
नवनियुक्त मंत्री मुकेश अहलावत को सीट नंबर 14 आवंटित की गई है। अन्य मंत्रियों जिनकी सीटें बदली गई हैं उनमें विनय मिश्रा, अजय महावर, गिरीश सोनी, सोमनाथ भारती, ऋतुराज गोविंद और इमरान हुसैन शामिल हैं। विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता, जो सीट 94 पर बैठते थे। उनको सीट 100 आवंटित की गई।
विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि मीडियाकर्मियों से कहा कि बैठने की व्यवस्था अध्यक्ष का विशेषाधिकार है। मंत्रियों को पहली पंक्ति में सीटें दी जाती हैं और फिर वरिष्ठता के अनुसार विधायकों को ऐसा लग रहा था कि उन्होंने केजरीवाल और सिसोदिया को सीट 40 और 41 आवंटित कर दी। अन्यथा ऐसा लगेगा कि केजरीवाल को अभी भी आगे की सीटें मिल रही हैं।
इस बीच, स्पीकर राम निवास गोयल ने कहा कि बैठने की व्यवस्था कोई कठोर और निश्चित नियम नहीं है। सत्तारूढ़ पार्टी स्पीकर के दाईं ओर बैठती है और विपक्ष बाईं ओर बैठती है। पहली पंक्ति में सीट नंबर 1 पर मुख्यमंत्री बैठते हैं और फिर मंत्री आते हैं। इसी क्रम में मंत्रियों के बाद, विधायकों को पहली पंक्ति में वरिष्ठता के अनुसार सीटें आवंटित की जाती हैं। अन्य सीटें भी थीं, लेकिन हमने उन्हें सीट 41 की पेशकश की, उन्होंने स्वीकार कर ली।