Arvind Kejriwal News Today: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया है कि वह दो दिन बाद दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने दिल्ली के लोगों से कहा कि अगर वे उन्हें ईमानदार मानते हैं तो ही वोट करें। अरविंद केजरीवाल ने कहा, “आज मैं आपके बीच में आया हूं, जनता की अदालत में आया हूं, आपसे पूछने आया हूं कि आप केजरीवाल को ईमानदार मानते हो या गुनाहगार मानते हो… मैं दिल्ली और देश की जनता से पूछना चाहता हूं कि केजरीवाल ईमानदार है या गुनाहगार है। दोस्तों, मैं दो दिन के बाद सीएम की कुर्सी से इस्तीफा देने जा रहा हूं।”
इसके बाद उन्होंने कहा, “मैं तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा, जब तक जनता अपना फैसला न सुना दे। मैं जनता के बीच में जाऊंगा, गली-गली में जाऊंगा, घर-घर में जाऊंगा, जब तक जनता अपना फैसला न सुना दे कि केजरीवाल ईमानदार है, मैं तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा।”
उन्होंने आगे कहा, “आज से कुछ महीने बाद दिल्ली में कुछ महीने बाद चुनाव हैं। अगर आपको लगता है कि केजरीवाल ईमानदार है तो मेरे पक्ष में वोट दे देना। अगर आपको लगता है कि केजरीवाल चोर है तो मेरे को वोट मत देना। आपका एक-एक वोट मेरी ईमानदारी का सर्टिफिकेट होगा। अगर आप मेरे को जिताओगो तो ही मैं सीएम की कुर्सी पर बैठूंगा।”
कौन बनेगा दिल्ली का मुख्यमंत्री?
अरविंद केजरीवाल ने कहा, “जब तक चुनाव नहीं होते, तब तक मेरी जगह आम पार्टी से कोई और मुख्यमंत्री बनेगा। अगले दो-तीन दिन में विधायक दल की मीटिंग होगी और विधायक दल की मीटिंग में अगले मुख्यमंत्री का नाम तय किया जाएगा। मैं मनीष जी से बात कर रहा था, जो पीड़ा मन में है, वह पीड़ा मनीष जी के मन में भी है। मनीष जी का भी कहना है कि ये दिल्ली के उपमुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और मंत्री का पद तभी संभालेंगे, जब दिल्ली की जनता कहेगी कि दिल्ली की जनता कहेगी कि मनीष सिसोदिया ईमानदार है। मैं और मनीष सिसोदिया, हम दोनों का फैसला आपके हाथ में है, जनता के हाथ में है, हम दोनों जनता की अदालत में जा रहे हैं, गली-गली जाएंगे, जनता के बीच में जाएंगे और अगर जनता कहेगी कि ईमानदार हैं तो आकर कुर्सी पर बैठेंगे।”
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कार्यकर्ताओं को दी ये किताब पढ़ने की सलाह
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल से बाहर आने के बाद रविवार को पहली बार आम आदमी पार्टी कार्यालय पहुंचे। यहां से उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्हें ‘भगत सिंह की जेल डायरी’ किताब पढ़ने की सलाह दी। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जेल में काफी वक्त मिला, सोचने का-पढ़ने का औऱ कई किताबें पढ़ीं, पॉलिटिकल किताबें पढ़ीं, अपने स्वतंत्रता के आंदोलन की किताबें पढ़ीं, गीता कई बार पढ़ी, रामायण पढ़ी, महाभारत पढ़ी।
‘भगत सिंह की जेल डायरी’ दिखाते हुए उन्होंने कहा, “आज मैं अपने साथ ये किताब लेकर आया हूं, ये भी मैंने कई बार पढ़ी – ‘भगत सिंह की जेल डायरी’, पढ़ना इसको जरूर खरीद कर पढ़ना…जब भगत सिंह जेल में थे आज से 90-95 साल पहले, उन्होंने जेल के अंदर अपने लेख लिखे थे, वो लेख इसमें हैं और जेल के अंदर से उन्होंने बाहर कई लोगों को खत लिखे थे। उन्होंने अपने क्रांतिकारी साथियों को खत लिखे थे। उन्होंने युवाओं को खत लिखे थे।”
अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि भगत सिंह की शहादत के 95 साल बाद आजाद भारत में एक क्रांतिकारी मुख्यमंत्री पहली बार जेल गया। उन्होंने कहा, “मैं अभी जेल गया, मैंने जेल से एक ही पत्र लिखा था LG साहब को। 15 अगस्त तक था, देश का स्वाधीनता दिवस था। स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली का मुख्यमंत्री दिल्ली सरकार की तरफ से झंडा फहराता है।”
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, “मैंने LG साहब को 15 अगस्त से तीन दिन पहले चिट्ठी लिखी- एलजी साहब, क्योंकि मैं जेल में हूं, मेरी जगह आतिशी जी को झंडा फहराने की इजाजत दी जाए, वो मेरी चिट्ठी एलजी साहब तक नहीं पहुंचाई गई, मेरे को ये वार्निंग जारी की गई, ये वॉर्निंग लेकर आया हूं, ये जिंदगी भर साथ रखूंगा कि दूसरी बार अगर आपने एलजी साहब को चिट्ठी लिखने की कोशिश की तो आपके साथ जो फैमिली मुलाकात होती है हर हफ्ते, वो फैमिली मुलाकात बंद कर दी जाएगी। अंग्रेजों ने भी नहीं सोचा होगा कि अंग्रेजों से ज्यादा क्रूर और अत्याचारी शासक इस देश के ऊपर आएगा।”