विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल करने वाले आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को दिल्ली के आठवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और अपने मंत्रियों, विधायकों व कार्यकर्ताओं को अहंकार से बचने की सलाह देते हुए दिल्ली को देश का पहला भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाने का वादा किया। अरविंद केजरीवाल ने छह अन्य मंत्रियों के साथ शपथ ली। केजरीवाल ने अपने पास कोई भी विभाग नहीं रखने का फैसला किया।

दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में भारी जनसमूह की मौजूदगी में उपराज्यपाल नजीब जंग ने केजरीवाल और छह अन्य मंत्रियों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। इन छह मंत्रियों में मनीष सिसोदिया, आसिम अहमद खान, संदीप कुमार, सत्येंद्र जैन, गोपाल राय और जीतेंद्र सिंह तोमर शामिल हैं। 14 फरवरी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के ठीक साल भर बाद शपथ ग्रहण समारोह के तुरंत बाद 46 वर्षीय केजरीवाल ने अपने 35 मिनट के संबोधन में अपनी सरकार की प्राथमिकता गिनाई।

अण्णा आंदोलन और भ्रष्टाचार मुक्त भारत का जिक्र करते हुए केजरीवाल ने कहा कि पिछली बार जब 49 दिनों की ‘आप’ की सरकार बनी तो हमारे कट्टर विरोधियों ने भी माना कि भ्रष्टाचार कम हुआ था। पिछली बार इस बात को लेकर रोमांच था कि हम भ्रष्टाचार खत्म करेंगे, इस बार विश्वास है कि ऐसा होगा। हम पांच वर्षों में दिल्ली को देश का पहला भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाएंगे। लगातार तालियों और नारों के बीच केजरीवाल ने पिछली बार की तरह लोगों से भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए लोगों को ‘स्टिंग’ करने की सलाह देते हुए कहा कि हम उस भ्रष्टाचार विरोधी टेलीफोन लाइन को फिर से चालू करेंगे जो 49 दिनों की हमारी सरकार के दौरान शुरू की गई थी। उन्होंने कहा कि जनलोकपाल विधेयक पास करना जरूरी है और जितनी जल्द हो सके, हम जनलोकपाल विधेयक पास कराएंगे। लगातार दो दिन से बुखार से पीड़ित केजरीवाल को शपथ लेने के समय भी सौ डिग्री बुखार था।

बीमार होने के कारण ही वे तय कार्यक्रम के हिसाब से शपथ लेने के बाद महात्मा गांधी की समाधि राजघाट पर नहीं जा सके। समारोह के बाद दिल्ली सचिवालय जाकर कार्यभार ग्रहण किया। साढ़े चार बजे होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक भी उनके बीमार होने से नहीं हो पाई। कौशांबी के अपने घर से निकल कर सीधे 12 बजे रामलीला मैदान आए। उनके साथ उनके परिवार के लोग और वाहनों के काफिले में उनके भावी मंत्रिमंडल के सहयोगी और पार्टी के अन्य पदाधिकारी थे। पिछली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए केजरीवाल मेट्रो से रामलीला मैदान पहुंचे थे।

रामलीला मैदान में सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई थी और करीब तीन हजार सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था जिनमें दिल्ली पुलिस, आइटीबीपी, सीआरपीएफ, सीआइएसएफ और एसएसबी के जवान शामिल थे। सवा बारह बजे उपराज्यपाल नजीब जंग के आने पर करीब 35 मिनट का शपथ ग्रहण समारोह चला। समारोह खत्म होने पर पिछली बार की तरह इस बार भी उन्होंने लोगों को संबोधित किया।

उन्होंने कहा कि जब इतनी बड़ी सफलता मिल जाए तो अहंकार जाग सकता है। जब अहंकार जाग जाए तो फिर कुछ भी नहीं बचता। ऐसे में सभी मंत्रियों, सभी विधायकों व कार्यकर्ताओं को चौकन्ना रहना होगा और देखना होगा कि कहीं अहंकार तो नहीं जाग गया। केजरीवाल ने भ्रष्टाचार और सांप्रदायिक तत्त्वों के खिलाफ कदम उठाने, वीआइपी संस्कृति खत्म करने और दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की दिशा में प्रयास करने का भी वादा किया। केजरीवाल ने इस संबंध में पार्टी के कुछ नेताओं की ओर से देश के अन्य राज्यों में आप के चुनाव लड़ने को लेकर दिए गए बयानों का जिक्र किया और कहा कि इससे लगता है कि अहंकार आ रहा है। उनका कहना था कि मैं पांच साल दिल्ली में रहकर दिल्ली की जनता की सेवा करूंगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को लोगों ने हराया क्योंकि उसमें अहंकार आ गया था। भाजपा को पिछले साल मई में जबर्दस्त सफलता मिली लेकिन इस बार चुनाव में उसे लोगों ने हराया क्योंकि भाजपा में अहंकार आ गया था। हमें इससे बचना है।

केजरीवाल ने कहा कि हम केंद्र सरकार के साथ सकारात्मक व रचनात्मक सहयोग चाहते हैं और दिल्ली के विकास के लिए किरण बेदी, अजय माकन समेत भाजपा, कांग्रेस के अच्छे लोगों का सहयोग लेंगे क्योंकि हमें ‘पार्टीबाजी’ नहीं करनी है। आप ने 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में 67 सीटों पर ऐतिहासिक जीत हासिल की है जबकि तीन सीटें भाजपा को मिली हैं। उनके मुताबिक, शायद ऊपरवाला (भगवान) कोई बड़ा काम उनसे करवाना चाहता है। उन्होंने मीडिया को नसीहत देते हुए कहा कि सरकार घंटे के हिसाब से नहीं चलती है। जितने दिनों में दूसरे दलों ने किया, उससे जल्दी करूंगा। शपथ लेने से पहले ही हमने काम शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी मुलाकात का जिक्र करते हुए दिल्ली के नए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे देश चलाएं और दिल्ली चलाने की जिम्मेदारी दिल्लीवालों पर छोड़ दें। हम दिल्ली के विकास के लिए केंद्र के साथ सकारात्मक व रचनात्मक सहयोग करेंगे। उन्होंने दिल्ली को पूर्ण राज्य देने की मांग भी की।

हाल में चर्चों और शुक्रवार को एक ईसाई स्कूल में हुई तोड़फोड़ की पृष्ठभूमि में केजरीवाल ने कहा कि हम सब मिलकर भाइचारे के साथ रहना चाहते हैं। हाल के दिनों में हमने दिल्ली में कई सांप्रदायिक घटनाएं देखीं। मैं ऐसे लोगों को चेतावनी देना चाहता हूं, जो इसके लिए जिम्मेदार हैं, जो इस किस्म की राजनीति कर रहे हैं। लोग उन्हें बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि हम दिल्ली को ऐसा स्थान बनाना चाहते हैं जहां हर मुसलमान, हर ईसाई, हर सिख, हर जैन, हर वर्ग और हर जाति के लोग सुरक्षित महसूस करें।

उन्होंने कहा-दिल्ली पुलिस, दिल्ली सरकार के तहत नहीं आती है। लेकिन हम पुलिस से सहयोग लेंगे। सरकार चलाने के लिए पैसे चाहिए। दिल्ली के सभी व्यापारियों से कहना चाहता हूं कि उन्हें अब कोई तंग नहीं करेगा। आप अपना कारोबार करें। लेकिन साथ ही अपनी इच्छा से टैक्ट भर दें। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि आपके पैसे की चोरी नहीं होगी। जनता को गले से लगा लो तो जनता अपना विकास खुद कर लेती है। उन्होंने कई लोगों से स्कूल-कालेज बनाने के लिए मिले प्रस्ताव का जिक्र करते हुए कहा कि अच्छी नीयत हो तो इतने पैसे से भी विकास हो सकता है।

भाजपा की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार किरण बेदी और कांग्रेस नेता अजय माकन का जिक्र करते हुए केजरीवाल ने कहा कि मैं किरण बेदी का काफी सम्मान करता हूं। पुलिस प्रशासन में उनका अच्छा अनुभव है। मैं उनकी सलाह लूंगा। अजय माकन का नीतियां बनाने और सरकार चलाने में अनुभव है, मैं उनका भी सहयोग लूंगा। हम भाजपा व अन्य दलों के अच्छे लोगों के साथ मिलकर काम करेंगे। अमीर और गरीब मिलकर काम करेंगे और दिल्ली को आगे बढ़ाएंगे।

कानून का उल्लंघन करने वाले किसी व्यक्ति को नहीं बख्शे जाने पर जोर देते हुए केजरीवाल ने कहा कि कुछ लोग आप कार्यकर्ता के रूप में अपने आप को पेश करके छवि खराब करने की कोशिश कर सकते हैं। मैं कानून का अनुपालन करने वाले तंत्र से कहना चाहता हूं कि गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल किसी को भी नहीं बख्शा जाए।

दिल्ली के नए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने भाषण का समापन इंसानियत और भाईचारे का संदेश देती फिल्म ‘पैगाम’ का गीत गाकर किया। साल 2013 में पहले शपथ ग्रहण के दौरान भी केजरीवाल ने यही गाना गाया था। यह गीत कवि प्रदीप ने लिखा था और इसे मन्ना डे ने स्वरबद्ध किया था। रामलीला मैदान में भारी संख्या में लोगों की मौजूदगी में इस गीत की शुरुआत करते हुए केजरीवाल ने मजाकिया लहजे में कहा कि वे अच्छा गाना नहीं गाते। बुखार में होने के बावजूद वे पूरे जोश से बोल रहे थे और समारोह में मौजूद दिल्ली और विभिन्न राज्यों से आए लोग उसी उत्साह से नारे लगा रहे थे। समारोह तो महज एक घंटा चला लेकिन लोग सवेरे दस बजे से समारोह खत्म होने के बाद तक जमे रहे।

 

मनोज मिश्र