Arvind Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जेल से रिहा होने के बाद पहली बार आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान केजरीवाल ने केंद्र की मोदी सरकार पर चुन-चुनकर वार किए। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने अपने तिहाड़ जेल में बिताए हुए दिन को याद किया।

केजरीवाल ने कहा कि वो तिहाड़ जेल में गीता, रामायण, महाभारत पढ़ते थे। केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने जेल में भगत सिंह की डायरी भी पढ़ी। जिसने मुझे अंदर से बहुत मजबूत किया। यही वजह है कि पहले से मैं 100 गुना ताकत और मनोबल के साथ आपके साथ हूं। उन्होंने कहा कि बीजेपी मेरे हौसले को तोड़ना चाहती थी, लेकिन उसके सभी मंसूबे नाकाम साबित हुए।

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के लोगों ने हमारे लिए प्रार्थना की, मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं.. मैंने जेल में कई किताबें पढ़ीं – रामायण, गीता… मैं अपने साथ भगत सिंह की जेल डायरी लाया हूं. भगत सिंह की डायरी भी पढ़ी।’

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी छोटी सी पार्टी ने देश की राजनीति बदल दी। जेल में सोचने का वक्त मिला। मैंने जेल से एक ही पत्र लिखा था वो भी एलजी साहब को, 15 अगस्त था, स्वाधीनता दिवस के अवसर पर सीएम झंडा फहराते हैं। मैंने कहा कि आतिशी जी को झंडा फहराने की इजाजत दी गई। वो चिट्ठी मुझे वापस कर दी गई और मुझे वार्निंग दी गई कि दूसरी बार अगर चिट्ठी लिखी तो आपको परिवार से भी मुलाकात भी नहीं करने दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि मनीष सिसोदिया जेल गए लेकिन मुझे और सिसोदिया को अलग-अलग जेल में रखा गया। जब मैं जेल में था तो एक दिन संदीप पाठक मुझसे मिलने आए वो हमारी पार्टी का महासचिव हैं, वो आकर मुझसे बात करने लगे, स्वाभाविक है वो रोमांटिक बातें तो करेगा नहीं, राजनीति की बातें ही करेगा। बाद में उसे जेल ने ब्लैकलिस्ट कर दिया।

केजरीवाल ने कहा कि आज से दो दिन के बाद मैं इस्तीफा देने जा रहा हूं। मैं तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा, मैं तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा जब तक जनता अपना फैसला नहीं सुना देती कि केजरीवाल ईमानदार हैं। तब तक मैं कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। मैं हर घर और गली में जाऊंगा और जब तक जनता का फैसला नहीं मिल जाता, तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। कानून की अदालत से मुझे इंसाफ मिला, अब जनता की अदालत मुझे इंसाफ देगी।