दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पीएमएलए राउज एवेन्यू कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। ईडी द्वारा गिरफ्तार अरविंद केजरीवाल को आज कोर्ट में पेश किया गया था और ईडी ने उनकी 10 दिनों की रिमांड मांगी थी। इस पर कोर्ट ने केजरीवाल को 6 दिनों की ईडी रिमांड पर भेज दिया है। ऐसे में अब वे 28 मार्च दो बजे तक ईडी की ही गिरफ्त में रहेंगे।
रिपोर्ट के मुताबिक सीएम अरविंद केजरीवाल को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 28 मार्च तक ईडी की रिमांड पर भेजा है। बता दें कि ईडी ने केजरीवाल की रिमांड 10 दिन के लिए मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने 6 दिन की रिमांड पर भेजा है।
राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले का सीधा मतलब यह है कि अरविंद केजरीवाल की इस बार की होली जेल में ही मनेगी। कोर्ट के फैसले के पहले दोनों पक्षों ने कोर्ट में दलीलें दीं थी और केजरीवाल की ओर से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने केजरीवाल की गिरफ्तारी का विरोध किया लेकिन कोर्ट ने उनकी दलील को लेकर भी करार झटका दिया है।
जेल से चलाएंगे दिल्ली की सरकार
वहीं इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बड़ा ऐलान किया है। आज तक टीवी चैनल की खबर क अनुसार अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि वे सीएम के पद से इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि वे चाहे जेल के अंदर हो या बाहर, सरकार वैसे ही चलती रहेगी। उन्होंने कहा कि वे जहां रहेंगे, वहीं से सरकार चलाएंगे। केजरीवाल ने कहा कि वे जेल से ही काम करने की पूरी कोशिश करेंगे।
ED ने लगाए हैं गंभीर आरोप
बता दें कि सीएम केजरीवाल की रिमांड की मांग करते हुए ED की तरफ से कोर्ट रूम में कहा गया कि मनी ट्रेल को छुपाने के लिए भारी मात्रा में इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों को मिटाया गया, ताकि उन्हें कोई नहीं पकड़ सके। ईडी ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल ने कई फोन को नष्ट किए थे। प्रवर्तन निदेशालय ने सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी भी दिल्ली शराब घोटाले के मामले में फाइनेशन ट्रेल को लेकर की है।
राउज एवेन्यू कोर्ट ने आरोप लगाया कि दिल्ली की नई की शराब नीति में साउथ ब्लॉक को फायदा पहुंचाने का काम किया गया। सीएम इस पूरे षडयंत्र के किंग-पिन यानी सरगना हैं। ईडी की तरफ से कहा गया कि9 समन भेजने के बावजूद भी सीएम ने जांच में सहयोग नहीं किया। यही कारण है कि उन्हें कस्टडी में लेकर पूछताछ करने की जरूरत है।
मनी ट्रेल को लेकर ईडी ने दावा किया कि गोवा विधानसभा चुनाव की फंडिंग को लेकर दिल्ली शराब नीति में बदलाव किया गया। एजेंसी ने कहा है कि दिल्ली सरकार एक कंपनी की तरह काम कर रही है। इस नीति के माध्यम से ही गोवा चुनाव के लिए रुपयों का इंतजाम किया गया था।