Bihar Assembly Elections: इस साल के आखिर में बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसमें आम आदमी पार्टी ने अकेले उतरने का फैसला किया है। देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सत्ता से परास्त होने के बाद आप की नजर देशभर में अपनी राजनीतिक पैठ बनाने पर है। इसमें बिहार जैसा चुनावी राज्य भी शामिल है। यहां पर इंडिया गठबंधन बीजेपी के एनडीए से मुकाबला कर रहा है।

पंजाब ही अकेला ऐसा राज्य बचा हुआ है जहां पर आम आदमी पार्टी सत्ता में काबिज है। प्रशासन के साथ-साथ पार्टी संगठन को भी मजबूत करने का प्रयास कर रही है। नेशनल वोट शेयर के बड़े हिस्से के लिए आप की चाहत अगले कुछ सालों में कुछ प्रमुख विधानसभा चुनावों में उसके एक से ज्यादा इंडिया गठबंधन साथियों के साथ मुकाबला कराएगी।

इसके उलट भारतीय जनता पार्टी को बिहार में एकजुट एनडीए मिलेगा। इसमें बीजेपी, जनता दल यूनाएडेट व लोजपा (रामविलास) व अन्य क्षेत्रीय दलों के साथ मिलकर आक्रामक संयुक्त अभियान चला रही है। ऑपरेशन सिंदूर और बिहार व केंद्र में अपनी सरकारों की उपलब्धियों को उजागर करते हुए एनडीए राज्य में सत्ता बरकरार रखने की कोशिश करेगा।

आप बनाम इंडिया

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘आप ने यूपी में 2026 के जिला पंचायत चुनावों में स्वतंत्र रूप से लड़ने का भी फैसला किया है, लेकिन 2027 के यूपी विधानसभा चुनावों पर अभी फैसला नहीं हुआ है, जहां पार्टी के अकेले उतरने की संभावना है। आप ने यूपी के कई जिलों में स्वयंसेवकों के लिए कई ट्रेनिंग कैंप आयोजित करना शुरू कर दिया है।

गुजरात और पंजाब में पार्टी के उपचुनाव अभियान के बीच आप के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह इस हफ्ते की शुरुआत में बिहार आए थे। सिंह ने कहा, ‘हमने बिहार विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ने का फैसला किया है। आप राज्य की सभी विधानसभा सीटों (243 सीटों) पर चुनाव लड़ेगी। हम 2026 में यूपी जिला चुनाव भी अकेले लड़ेंगे।’

 केजरीवाल- अर्श से फर्श पर

उन्होंने कहा, ‘यह पहली बार होगा कि हम बिहार में चुनाव लड़ेंगे। राज्य में पार्टी के संगठन की नींव (2014 के लोकसभा चुनाव) के बाद से ही रखी जा रही है।’ यह पूछे जाने पर कि आप और इंडिया गठबंधन के बीच समीकरणों पर इसका क्या असर होगा, सिंह ने कहा, ‘इंडिया गठबंधन केवल लोकसभा चुनावों के लिए था। उसके बाद इंडिया गठबंधन के दलों ने हरियाणा, फिर दिल्ली में अलग-अलग चुनाव लड़ा और अब हम बिहार में भी ऐसा करेंगे।’

अक्टूबर 2024 के हरियाणा और फरवरी 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत विफल होने के बाद आप ने विभिन्न मुद्दों पर कांग्रेस पर निशाना साधा है और साथ ही इंडिया ब्लॉक के नेता के रूप में उसकी भूमिका की भी आलोचना की है। आप सूत्रों के मुताबिक, बिहार और उत्तर प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ने का पार्टी का फैसला 2029 के लोकसभा चुनावों से काफी पहले विस्तार के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दिखाएगा।

आम आदमी पार्टी का कैंपेन

आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को अपना चेहरा बनाकर और शिक्षा व स्वास्थ्य पर ध्यान देने के अलावा सार्वजनिक उपयोगिताओं की फ्री और कुशल डिलीवरी पर आधारित पार्टी के शासन मॉडल को अपना मुख्य मुद्दा बनाकर, पार्टी ने बिहार और यूपी में जमीनी स्तर पर काम करना शुरू कर दिया है। उदाहरण के लिए, यूपी में आप ने राजधानी लखनऊ में महंगी बिजली और बार-बार बिजली कटौती का मुद्दा उठाया है। सिंह ने कहा कि राज्य के स्कूलों और अस्पतालों में भी सुधार की जरूरत है। यह दावा करते हुए कि आप यूपी के हर गांव से जुड़ने के मिशन पर है। सिंह ने यह भी कहा कि काम की राजनीति की जरूरत है। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने दिल्ली की झुग्गी बस्तियों का दौरा किया है। आप ने आरोप लगाया है कि इन प्रवासियों को बीजेपी की चार इंजन वाली सरकार ने बेघर कर दिया है।

आप क्या कर रही तलाश?

बिहार और यूपी के लिए AAP की आगामी चुनावी योजना संगठनात्मक रूप से पार्टी के लिए महत्वपूर्ण होगी। सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि AAP अपने कार्यकर्ताओं के अंदर नेतृत्व के तीसरे स्तर की पहचान करना चाह रही है क्योंकि यह देशव्यापी कैडर तैयार करना जारी रखे हुए है। इसमें पहले से ही केजरीवाल, मनीष सिसोदिया , संजय सिंह, गोपाल राय और सत्येंद्र जैन टॉप पर हैं, जबकि दूसरे पायदान पर आतिशी और सौरभ भारद्वाज हैं। आप सूत्रों ने कहा कि यह पार्टी के मुख्य नेताओं के बीच आत्मविश्वास था। इसी के भरोसे पर बिहार चुनाव में उतरने का फैसला लिया गया। आप के एक अंदरूनी सूत्र ने दावा किया, ‘हमारे सभी राज्य प्रभारी और संगठनात्मक प्रमुख उन राज्यों में हैं, जिन्हें उन्हें सौंपा गया है। पार्टी खुद को जमीन से ऊपर उठा रही है और उसे जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है।’ भाजपा ने ऐसा क्या किया कि तीन महीने में बिजली-पानी का ढांचा ध्वस्त हो गया