देश में कामयाब महिलाओं की जब चर्चा की जाती है तो उन नामों में से एक नाम अरुंधति भट्टाचार्य का भी होता है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी एसबीआई की पहली महिला चेयरपर्सन रह चुकी अरुंधति भट्टाचार्य ने एक पीओ के रूप में 1977 में अपनी शुरुआत की थी। वो मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडिया लिमिटेड में भी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का हिस्सा रही हैं।
अरुंधति भट्टाचार्य ने साल 2017 में एसबीआई के चेयरपर्सन के पद को छोड़ा था। इसके बाद भट्टाचार्य ने सात भारतीय कंपनियों में डायरेक्टर के तौर पर काम किया है। अजय पीरामल के नेतृत्व वाली पीरामल इंटरप्राइजेज लिमिटेड और मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज का भी नाम शामिल है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल लिमिटेड में एडिशनल इंडेपेंडेट डायरेक्टर के तौर पर भी काम किया है।
अपने 40 साल के सार्वजनिक जीवन में उन्होंने ट्रेजरी, रिटेल ऑपरेशन्स, फॉरन एक्सचेंज, इनवेस्टमेंट बैंकिग जैसे विभिन्न विभागों में काम किया है। केंद्र सरकार की तरफ से बनाए गए भष्ट्राचार रोधी संस्था लोकपाल के अध्यक्ष और इसके अन्य सदस्यों के नामों कि सिफारिश करने के लिए गठित आठ सदस्यों वाले एक खोज समिति का भी वो हिस्सा रह चुकी हैं।अरुन्धति भट्टाचार्य दुनिया की पहली महिला थी जिन्होंने फार्च्यून 500 लिस्ट में आने वाले किसी बैंक का नेतृत्व किया था।
सेल्सफोर्स इंडिया ने उन्हें अप्रैल 2020 में चेयरमैन और सीईओ की जिम्मेदारी दी थी। सेल्सफोर्स इंडिया कस्टमर रिलेशनशिप और मैनेजनमेंट सॉफ्टवेयर की दुनिया भर की टॉप कंपनियों में शामिल है। अमेरिका की इस क्लाउड बेस्ड सर्विस प्रोवाइडर कंपनी में उन्हें इंडिया ऑपरेशंस हेड बनाया गया था।
भिलाई में बड़ी हुई अरुंधति भट्टाचार्य के पिता स्टील ऑथरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड में काम करते थे। उनके जीवन पर उनकी मां जो कि एक होम्योपैथ डॉक्टर थी का सबसे अधिक प्रभाव रहा।कोलकाता के प्रतिष्ठित लेडी ब्रोबॉन कॉलेज और जादवपुर यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी साहित्य में ऑनर्स किया था।