वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को जोर देकर कहा कि भारत कभी भी असहिष्णु नहीं हो सकता है। उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा कि असहिष्णुता कहां है? गोमांस विवाद समेत हाल की कुछ घटनाओं को विसंगति बताते हुए उन्होंने कहा कि पुरस्कार लौटाने को उचित नहीं ठहराया जा सकता और राष्ट्रीय स्तर पर स्थिति पूरी तरह से शांतिपूर्ण है। भारत पूरी तरह से उदार लोकतंत्र और शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के लिए प्रतिबद्ध है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि सौहार्द का माहौल है। यह देश कभी भी असहिष्णु नहीं रहा और कभी होगा भी नहीं। जेटली से कांग्रेस के नेताओं द्वारा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलने के लिए विरोध मार्च निकालने और इस मुद्दे पर वामपंथी बुद्धिजीवियों द्वारा सेमिनार आयोजित करने के बारे में पूछा गया था। वित्त मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि राजनीतिक विरोधियों को राजनीतिक लड़ाई राजनीतिक रूप से ही लड़नी चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीतिक कारणों से मुद्दे खड़ा करना और फिर सरकार को उससे जोड़ देना ठीक नहीं है जबकि घटनाएं दूसरे दलों के शासन वाले राज्यों में घट रही हैं।
उन्होंने कहा कि असहिष्णुता कहां है? हम विविधतापूर्ण लोकतंत्र हैं। बातें करने से माहौल में बदलाव नहीं आएगा। अगर एक घटना कर्नाटक में घटती है जो कांग्रेसशासित है, तब वहां होने वाले हमलों के लिए आप केंद्र सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते हैं। यह उचित नहीं है। यह अपराध है और जो भी अपराध करता है उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। इसलिए देश के मुख्यधारा के लोगों ने इसका विरोध किया।
जेटली ने 46वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह की योजनाओं के बारे में जानकारी देने के क्रम में ये बातें कहीं। यह समारोह 20 नवंबर से 30 नवंबर के बीच गोवा में होगा। भाजपा और कांग्रेस के बीच समाज में कथित तौर पर बढ़ती असहिष्णुता के मुद्दे पर द्वन्द्व चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा था कि कांग्रेस को सहिष्णुता के मुद्दे पर एनडीए को उपदेश देने का नैतिक अधिकार नहीं है क्योंकि 1984 के सिख विरोधी दंगे को लेकर उसका सिर शर्म से झुक जाना चाहिए जिसमें सिखों का कत्लेआम हुआ था।
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार पुरस्कार लौटाने वाले फिल्म निर्माताओं से बात करेगी, जेटली ने आश्चर्य व्यक्त किया कि जब देश में शांति का माहौल है तब पुरस्कार लौटाने का क्या औचित्य बनता है। उन्होंने जोर दिया कि पुरस्कार लौटाने को उचित नहीं ठहराया जा सकता है।
असहिष्णुता पर फिल्म अभिनेता शाहरुख खान की टिप्पणी को तवज्जो नहीं देते हुए उन्होंने कहा कि इस देश में कोई भी यह कहने को तैयार नहीं है कि असहिष्णुता होनी चाहिए। इसमें क्या गलत है कि अगर कोई कहता हो कि देश में असहिष्णुता नहीं होनी चाहिए। जेटली ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी के बयान पर भी कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
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