जवाहर लाल यूनिवर्सिटी परिसर में कथित तौर पर देशविरोधी नारे लगने के मामले में गिरफ्तार किए गए कन्‍हैया कुमार 2 मार्च तक के लिए जेल भेज दिए गए हैं। पुलिस ने इस बात के संकेत दिए हैं कि वह कन्‍हैया की जमानत का विरोध नहीं करेगी। उधर, कन्‍हैया ने लेटर लिखकर शांति बरतने की अपील की है। साथ ही यह माना है कि जेएनयू में हुई नारेबाजी की घटना दुर्भाग्‍यपूर्ण है। बता दें कि कन्‍हैया पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है।

क्‍या लिखा?
”मेरा नाम कन्‍हैया कुमार है। मेरी माताजी का नाम मीना देवी और पिताजी का नाम जयशंकर सिंह है। मैं ग्राम और पोस्‍ट बीहट, टोला मसनदपुर, थाना बरोती, जिला बेगूसराय, बिहार का स्‍थायी निवासी हूं। वर्तमान में मैं जेएनयू के SIS से सोशल ट्रांसफॉर्मेशन इन साउथ अफ्रीका 1994-2015 विषय पर पीएचडी कर रहा हूं। ये मेरे पीएचडी का तीसरा वर्ष है।

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मैं भारत के संविधान में विश्‍वास करता हूं तथा मेरा यह सपना है कि इसके प्रस्‍तावना को अक्षरश: लागू करने में अपना हर संभव योगदान कर पाऊं। मैं भारत की एकता और अखंडता को मानता हूं एवं इसके विपरीत किसी भी असंवैधानिक कार्यों का समर्थन नहीं करता हूं।

9 फरवरी को हमारे विश्‍व‍विद्यालय में एक दुर्भाग्‍यपूर्ण घटना घटी, जिसकी मैं निंदा करता हूं। विभिन्‍न सूत्रों से प्राप्‍त वीडियो में देखने के बाद यह पता चलता है कि जेएनयू में, कुछ JNU के तथा कुछ बाहरी लोग असंवैधानिक नारे लगा रहे हैं, अत: मैं अपनी संवैधानिक प्रतिबद्धता के साथ इन नारों का समर्थन नहीं करता हूं तथा आप सबसे अपील करना चाहता हूं कि इस संबंध में देश, समाज तथा विश्‍वविद्यालय में शांति भंग न की जाए।”

जेएनयू विवाद में 17 फरवरी को दिन भर क्‍या हुआ, जानने के लिए क्‍ल‍िक करें 

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कन्‍हैया कुमार को कोर्ट में लेकर जाती पुलिस।