इंटीरियर डिजाइनर को खुदकुशी के लिए उकसाने के मामले में गिरफ्तार रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी ने शनिवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की है। इसे न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और एमएम कार्णिक की खंडपीठ द्वारा सुना जाएगा। गौरतलब है कि अर्नब 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं।
बॉम्बे हाई कोर्ट के समक्ष अपने आवेदन में गोस्वामी के वकील ने दावा किया है कि उनके क्लाइंट के साथ मुंबई पुलिस ने हिरासत में बर्बरता की है, जिसके चलते उन्हें गंभीर चोटें आई हैं। गोस्वामी ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ कोर्ट में हैबियस कॉरपस याचिका दायर की है। गोस्वामी ने दावा किया है कि पुलिस ने उन्हें जूते से मारा और पीने के लिए पानी तक नहीं दिया। रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर इन चीफ ने अपने हाथ में 6 इंच गहरा घाव होने, रीढ़ की हड्डी और नस में चोट का दावा किया है। उनका कहना है कि पुलिस ने गिरफ्तारी के वक्त उन्हें जूते पहनने तक का समय नहीं दिया।
इससे पहले शुक्रवार को गोस्वामी की जमानत याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट में भी सुनवाई हुई। हालांकि, कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई शनिवार 12 बजे तक टाल दी थी। कोर्ट ने कहा था कि जब तक सभी पक्षों को नहीं सुन लेती, तब तक कोई आदेश पारित नहीं करेगी। बता दें की, बुधवार की सुबह अर्नब गोस्वामी को रायगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उन्हें एक इंटीरियर डिज़ाइनर और उनकी मां की आत्महत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया है। वे 3 रातों से अलीबाग के एक स्कूल में बने कोविड सेंटर में हैं।
वहीं बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने भी अर्नब को जल्द से जल्द रिहा करने की मांग की है। मिश्रा ने ट्वीट कर लिखा “अगर आज शाम तक अर्णब गोस्वामी की रिहाई नहीं होती तो कल सुबह 9 बजे से ठाकरे सरकार के पाप, अपराध, अत्याचार और अन्याय के खिलाफ राजघाट पर सत्याग्रह करेंगे। सरकारी गुंडागर्दी, संविधान की हत्या, मीडिया का गला घोटने के खिलाफ सड़क पर उतरना जरूरी है, आप भी आइये।”