अरनब गोस्वामी ने पिछले दिनों न्यूज चैनल टाइम्स नाऊ से इस्तीफा दे दिया। वे वहां एडिटर इन चीफ और प्राइमटाइम न्यूज शो न्यूजआवर के प्रेजेंटर थे। उनका शो लगातार विवादित और लोकप्रिय रहा। अब यह सवाल उठ रहा है कि इस शो का क्या होगा। शो को लेकर टाइम्स नाऊ को वित्तीय मोर्चे पर भी सवालों का सामना करना पड़ रहा है। एडवर्टाइजर्स टाइम्स नाऊ से उनके कॉन्ट्रैक्ट पर पुनर्विचार या नए सिरे से विज्ञापन रेट तय करने को कह रहे हैं। न्यूजलॉन्ड्री वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक टाइम्स नाऊ की मार्केटिंग टीम ने बताया कि अरनब के दो घंटे के प्राइमटाइम शो से चैनल की 40 प्रतिशत कमाई आती है। उनके शो ‘न्यूजआवर’ से टाइम्स नाऊ को सालाना 120 करोड़ रुपये की कमाई होती है। टाइम्स नेटवर्क के असिस्टेंट अकाउंट्स डायरेक्टर अखिल महाजन ने न्यूजलॉन्ड्री को बताया कि न्यूजआवर से कमाई का आंकड़ा 150 करोड़ रुपये तक भी पहुंचा है।
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रिपोर्ट के अनुसार कई कंपनियों ने टाइम्स नाऊ से अगस्त 2017 तक के लिए करार रखा है। न्यूजआवर में 10 सेकंड के विज्ञापन स्लॉट की प्राइस 35 हजार रुपये है। यह बेस प्राइस है, इसमें शो के अनुसार बढ़ोत्तरी होती रहती है। कार कंपनी ह्यूंडई और एफएमसीजी उत्पाद बनाने वाली कंपनी पतंजलि का टाइम्स नाऊ से सालभर का अनुबंध है। बताया जा रहा है कि अरनब गोस्वामी नवंबर तक के लिए चैनल के साथ हैं, हालांकि उनका कॉन्ट्रैक्ट दिसंबर तक है।

मार्केटिंग टीम के अनुसार कई कंपनियां अब डिस्काउंट की मांग कर रही हैं। वहीं कुछेक कंपनियों ने डील रद्द करने को भी कहा है। ह्यूंडई ने अरनब के जाने के बाद चैनल को कोई विज्ञापन जारी नहीं करने का फैसला किया है। कुछ अन्य कंपनियों ने भी कहा है कि अरनब के जाने के बाद उनकी डील खत्म कर दी जाए। रिपोर्ट के अनुसार पतंजलि का टाइम्स नाऊ से 12 करोड़ और ह्यूंडई का 11 करोड़ का अनुबंध है। गौरतलब है कि टाइम्स नाऊ को रेटिंग में ऊपर ले जाने का पूरा श्रेय अरनब गोस्वामी को ही जाता है। वर्तमान में टाइम्स नाऊ देश का नंबर वन अंग्रेजी न्यूज चैनल है। ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल ऑफ इंडिया(बार्क) की रिपोर्ट के अनुसार उरी हमले के बाद अरनब गोस्वामी के शो का इम्प्रेशन राइवल चैनल सीएनएन-न्यूज 18 से तीन गुना ज्यादा था।

गौरतलब है कि करीब 60 से 120 मिनट के अरनब के कार्यक्रम को 2012 में बाकी सभी से ज्यादा दर्शक मिलने लगे थे। अरनब का शो चैनल के लिए इतना जरूरी था कि एक वरिष्ठ प्रबंधक के मुताबिक, ‘चैनल के संपादकीय संसाधनों का 60 फीसदी द न्यूजऑवर के लिए इस्तेमाल किया जाता था।’ गोस्वामी ने अपने स्टाफ को यह बताने में कसर नहीं छोड़ी कि उनका वेतन उनके शो से आता है। चैनल के तत्कालीन वरिष्ठ मैनेजर के अनुसार, विज्ञापन राजस्व से करीब 34 करेाड़ रुपए का वेतन दिया जाता था, जिसमें गोस्वामी का अपना 2 करोड़ रुपए सालाना वेतन शामिल होता था।
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टाइम्स नाउ ने 2007 में जब प्रतिद्वंदियों को पीछे छोड़कर साप्ताहिक रेटिंग्स में नंबर वन पोजिशन हासिल की थी। अरनब को रेटिंग्स की इतनी परवाह थी कि उन्होंने खबरों के प्रोडक्शन की हर विधा पर अपना नियंत्रण किया। उन्होंने फ्लैशिंग पैनल्स, ऑन-स्क्रीन फॉन्ट्स में मनमुताबिक बदलाव किए। यहां तक कि कैमरामैन को भी बताया जाता था कि उसे किस एंगल से शूट करना है।