राजस्थान में जैसलमेर में गुरुवार को सैन्य अभ्यास के तहत परमाणु हमले से निपटने का अभ्यास किया। थार मरुस्थल के टीलों में सेना इन दिनों युद्धाभ्यास कर रही है। इसके तहत महाजन फायरिंग रेंज में केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर हमलों का सामना करने का अभ्यास चल रहा है। इसका नाम ‘शत्रुजीत’ रखा गया है और लगभग 30 हजार सैनिक इसमें शामिल है। स्ट्राइक कॉर्प इस अभ्यास का नेतृत्व कर रही है।
इस युद्धाभ्यास का लक्ष्य भविष्य में किसी तरह के परमाणु हमले का सामना करने के लिए सेना को तैयार करना है। आर्मी सूत्रों ने बताया,’हमारी नीति है हम पहले परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेंगे। लेकिन अगर हम पर हमला हुआ तो हमें इकट्ठे होकर इससे लड़ना होगा। इस अभ्यास का यही मकसद है।’ इसके जरिए हवाई और जमीनी स्तर पर मिलकर दुश्मन के घर में अंदर तक घुसकर हमला करने का अभ्यास किया जा रहा है। यह अभ्यास आखिरी चरण में है। अगले सप्ताह सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग इसके निरीक्षण के लिए आ सकते हैं। प्रशिक्षण और तैयारी को जांचने के लिए सैनिकों ने कई तरह की ड्रिल का अभ्यास किया। इनमें Individual Protective Equipment और केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर प्रभावित इलाके के अंदर लड़ार्इ शामिन है।
जवानों ने केमिकल और न्यूक्लियर हमलों का असर कम करने का अभ्यास भी किया। सूत्रों ने बताया कि अभ्यास के दौरान हमलों का नेतृत्व कर रही एक यूनिट पर न्यूक्लियर अटैक भी किया गया।