एक रैंक एक पेंशन की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे पूर्व सैन्यकर्मियों को शुक्रवार को पुलिस ने स्वतंत्रता दिवस पर सुरक्षा कारणों से यहां जंतर मंतर से हटाने की कोशिश के दौरान उनके साथ कथित तौर पर धक्कामुक्की की। तकरीबन दो महीने से प्रदर्शन कर रहे पूर्व सैन्यकर्मियों ने पुलिस की कार्रवाई को बर्बर और अलोकतांत्रिक बताते हुए इस बात पर हैरानी जताई कि अपने सेवाकाल में देश की हिफाजत करने वाले ये लोग देश की सुरक्षा के लिए किस तरह से खतरा हो सकते हैं।

बाद में सरकार ने दिल्ली पुलिस को स्पष्ट संदेश दिया कि पूर्व सैनिकों को जंतर मंतर से नहीं हटाया जाना चाहिए। इसी दौरान रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने कहा कि एक रैंक एक पेंशन लागू करने में तकनीकी कठिनाइयां हैं लेकिन उन्होंने जोर दिया कि सरकार इस संबंध में दिए गए अपने आश्वासन को पूरा करेगी।

स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले पुलिस ने जिस तरीके से पूर्व सैनिकों को जंतर मंतर से हटाने की कोशिश के दौरान उनके खिलाफ कार्रवाई की उस पर उन्होंने कड़ा एतराज और आश्चर्य व्यक्त किया है। प्रदर्शन कर रहे एक पूर्व सैन्य अधिकारी ने कहा, ‘आप हमारी ईमानदारी पर कैसे संदेह कर सकते हैं? या हमें सुरक्षा खतरे के तौर पर कैसे देखते हैं? हमने देश की हिफाजत करते हुए सेवा की और अब हम सुरक्षा के लेकर खतरा हो गए हैं’।

पुलिस ने कहा कि नई दिल्ली नगर पालिका परिषद के अनुरोध पर जंतर मंतर से विभिन्न संगठनों के प्रदर्शनकारियों को निकालने की कोशिश की। इस पर उन लोगों ने वहां से जाने से मना कर दिया। पुलिस के खिलाफ नारे लगाते हुए 82 साल के विशंभर ने कहा कि पुलिसकर्मियों ने उन्हें धक्का दिया और उनकी कमीज भी फाड़ दी।

इंडियन एक्स-सर्विसमैन मूवमेंट के अध्यक्ष मेजर जनरल (रिटायर) सतबीर सिंह ने मीडिया से कहा- यह शर्मनाक और निंदनीय है। हम भारत की आजादी के रखवाले हैं। हम पुलिस आयुक्त से हमारे तंबू फिर से लगवाने का अनुरोध कर रहे हैं क्योंकि हमने इसके लिए अनुमति ली थी। स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले हमारे तंबू हटाने का कदम बर्बरतापूर्ण और अलोकतांत्रिक है। यह तानाशाही है।

बाद में सरकार ने दिल्ली पुलिस को स्पष्ट संदेश दिया कि वन रैंक वन पेंशन की मांग को लेकर धरना दे रहे पूर्व सैनिकों को जंतर मंतर से नहीं हटाया जाना चाहिए। पूर्व सैन्यकर्मियों ने भी बाद में घोषणा की कि केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने उन्हें बताया कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह घटना के बारे में जानते हैं और उन्होंने दिल्ली पुलिस से उन्हें अपना प्रदर्शन जारी रखने की अनुमति देने को कहा है।

गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने दिल्ली पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी से बात कर आदेश दिया कि पूर्व सैनिकों को धरने वाली जगह से नहीं हटाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा- मैंने पुलिस आयुक्त से कहा है कि पूर्व सैनिकों को जंतर मंतर से नहीं हटाया जाए और उन्हें उनका धरना जारी रखने दिया जाए।

उधर, पूर्व सैनिकों की वन रैंक वन पेंशन की मांग तेज होने के बीच रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने कहा कि इसे लागू करने में तकनीकी कठिनाइयां हैं लेकिन उन्होंने जोर दिया कि सरकार इस संबंध में दिए गए अपने आश्वासन को पूरा करेगी। पर्रीकर ने कहा- हमने इस संबंध में जो आश्वासन दिया है, उसे हम पूरा करेंगे।

जब हमने ऐसा कहा है तो सरकार को अपने कार्यकाल के दौरान इसे करना है और हम इसे काफी जल्दी लागू करेंगे। हम अपने आश्वासन से बंधे हुए हैं। हम अपने आश्वासन का पालन करेंगे। पर्रीकर ने हालांकि कहा- एक रैंक एक पेंशन को लागू करने में तकनीकी कठिनाइयां हैं।