रक्षा क्षेत्र के ‘थिंक-टैंक’ स्टाकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) की ओर से सोमवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में भारत का सैन्य खर्च बढ़कर 76.6 अरब अमेरिकी डालर हो गया, जो 2020 के आंकड़ों से 0.9 फीसद अधिक है। सबसे अधिक खर्च करने वाले शीर्ष पांच देशों में भारत का स्थान तीसरा हो गया है।
पहले नंबर पर अमेरिका तो दूसरे पायदान पर चीन है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन सैन्य खर्च के मामले में विश्व में दूसरे नंबर पर है और उसने 2021 में अपनी सेना को अनुमानित 293 अरब अमेरिकी डालर आबंटित किए, जो 2020 से 4.7 फीसद और 2012 से 72 फीसद अधिक है।
पांच मई, 2020 को पैंगोंग त्सो झील क्षेत्रों में हिंसक झड़पों के बाद भारत और चीन की सेनाओं के बीच पिछले 23 महीनों से पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध कायम हैं। दोनों ओर से अभी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर करीब 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात हैं।
सिपरी की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में भारत का सैन्य व्यय 76.6 अरब अमेरिकी डालर था, जो दुनिया में तीसरे नंबर पर था। भारत का सैन्य खर्च 2020 से 0.9 फीसद और 2012 से 33 फीसद अधिक था। भारत ने अपने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और हथियारों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता को प्राथमिकता दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्वदेशी हथियार उद्योग को मजबूत बनाने के लिए, 2021 के भारतीय सैन्य बजट में पूंजी परिव्यय का 64 फीसद घरेलू उत्पादित हथियारों की खरीद के लिए निर्धारित किया गया था।
इसमें कहा गया है, वर्ष 2021 में सैन्य खर्च करने वाले पांच सबसे बड़े देशों में अमेरिका, चीन, भारत, ब्रिटेन और रूस थे जो कुल मिलाकर दुनिया के सैन्य खर्च का 62 फीसद हिस्सा था। अकेले अमेरिका और चीन का हिस्सा 52 फीसद था। साल 2021 में संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, भारत, ब्रिटेन और रूस ने रक्षा क्षेत्र पर बड़ा बजट खर्च किया है। सिपरी रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में कुल वैश्विक सैन्य खर्च 0.7 फीसद बढ़ कर 2113 अरब डालर तक पहुंच गया है। कोरोना महामारी के दूसरे वर्ष में सैन्य खर्च अपने शीर्ष स्तर पर पहुंचा है। 2021 में विश्व सैन्य खर्च 2.1 खरब डालर के सवर्कालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में अमेरिकी सैन्य खर्च 801 अरब अमेरिकी डालर तक पहुंच गया, जो 2020 के मुकाबले 1.4 फीसद कम है। 10 साल में अमेरिका ने रक्षा उत्पादन में शोध और निर्माण के लिए 24 फीसद बजट बढ़ाया और हथियारों की खरीद पर खर्च में 6.4 फीसद की कमी की। ब्रिटेन ने पिछले साल रक्षा पर 68.4 अरब डालर खर्च किए, जो 2020 के मुकाबले तीन फीसद ज्यादा रहा है।
वहीं यूक्रेन पर दो महीने से हमला कर रहे रूस ने रक्षा खर्च में पांचवा स्थान बरकरार रखा है। रूस ने 2021 में अपना सैन्य खर्च 2.9 फीसद बढ़ाकर 65.9 अरब अमेरिकी डालर कर दिया था। यह वही समय था, जब वह यूक्रेन में वह अपनी सेना भेज रहा था। रूस ने युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक सेना पर 20 अरब डालर से ज्यादा खर्च कर दिए हैं। यूक्रेन ने वर्ष 2021 में अपनी सेना पर 5.9 अरब डालर खर्च किए, जो रूस के बजट के दसवें हिस्से से भी कम है। यूक्रेन ने मार्च में सेना पर करीब 10 अरब डालर खर्च किए थे। इसके बाद उसे नाटो और अमेरिका ने खुले हाथों से मदद की।