श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने 26 वर्षों तक यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) का नेतृत्व करने के बाद अब पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफे की घोषणा की जिसके बाद पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी अर्जुन रणतुंगा भी रविवार को पार्टी का नेतृत्व करने के दावेदारों की दौड़ में शामिल हो गए।

रणतुंगा 1996 में क्रिकेट विश्व कप जीतने वाली टीम के कप्तान रहे हैं। इससे पहले विक्रमसिंघे के रिश्तेदार और पार्टी के उप महासचिव रुआन विजेवर्धने और पूर्व स्पीकर कारु जयसूर्या भी पार्टी की कमान संभालने की इच्छा व्यक्त कर चुके हैं।

विक्रमसिंघे ने संसदीय चुनाव में मिली करारी हार के बाद पार्टी नेतृत्व छोड़ने का फैसला किया है। यूएनपी श्रीलंका की सबसे पुरानी पार्टी है लेकिन पांच अगस्त को हुए संसदीय चुनाव में मंिहदा राजपक्षे के नेतृत्व वाली श्रीलंका पीपुल्स पार्टी (एसएलपीपी) से उसे शर्मनाक हार मिली थी। यूएनपी को केवल दो फीसद मत मिले थे और 22 निर्वाचन जिलों में 225 संसदीय सीटों में से एक भी सीट जीतने में वह विफल रही थी। यूएनपी प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे को 1977 के बाद पहली बार संसदीय चुनाव में हार मिली है।

रणतुंगा ने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी की कार्यसमिति की हाल ही में हुई बैठक में संभावित नेता के तौर पर चार नाम सामने आए। मेरा नाम भी प्रस्तावित था। अवसर मिलने पर, पार्टी का नेतृत्व करने और इसे पुनर्जीवित करने में मुझे प्रसन्नता होगी। हालांकि, रणतुंगा का परिवार पारंपरिक तौर पर यूएनपी के विरोधी दल श्रीलंका फ्रीडम पार्टी (एसएलएफपी) का समर्थक रहा है।

उनके पिता वर्ष 1994 में एसएलएफपी सरकार में मंत्री रहे थे। वहीं उनके भाई प्रसन्ना वर्तमान सरकार में पर्यटन मंत्री है। इससे पहले, विजेवर्धने (45) ने शनिवार को अनुराधापुरा में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कई लोगों की मांग को देखते हुए मैंने पार्टी नेता रानिल विक्रमसिंघे के आशीर्वाद से यूएनपी का नेतृत्व संभालने का फैसला किया है।

विक्रमसिंघे के इस्तीफे की घोषणा के बाद हालांकि पार्टी महासचिव अकिला विराज करियावासम ने स्वयं और तीन अन्य को पार्टी अध्यक्ष पद का संभावित दावेदार घोषित कर दिया। पूर्व स्पीकर और यूएनपी के उप नेता कारु जयसूर्या ने भी पार्टी का नेतृत्व करने की इच्छा जताई है।