वैक्सिनेशन को लेकर केंद्र के नित तब्दील हो रहे फैसलों में अब नया ट्विस्ट देखने को मिला है। सोमवार को हेल्थ मिनिस्ट्री ने ऐलान किया कि टीका लगवाने के लिए पूर्व पंजीकरण या पूर्व बुकिंग अनिवार्य नहीं है। 18 वर्ष या उससे अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति सीधे निकटतम टीकाकरण केंद्र में जा सकता है, जहां वैक्सीनेटर साइट पर पंजीकरण कराकर उसी दिन टीका लगवा सकता है।
केंद्र का कहना है कि वैक्सिनेशन की धीमी रफ्तार में तेजी लाने के लिए ये फैसला लिया गया है। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों से जो रिपोर्ट आ रही है वो भी इस फैसले के लिए कारक है। गांव के लोग टीका लगवाने में हिचकिचा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस प्रक्रिया को ‘वॉक इन’ कहा जाता है। इसके तहत वैक्सीन लगवाने के लिए ज्यादा जद्दोजहद करने की जरूरत नहीं है। अगर किसी को टीका लगवाना है तो वो सीधे अपने पास के केंद्र पर जाकर वहां मौजूद हेल्थ वर्कर से संपर्क साध सकता है। वो उसका तत्काल पंजीकरण कर उसी दिन टीका लगा देगा। केंद्र का कहना है कि इससे लोगों के सामने आ रही परेशानी काफी हद तक दूर होगी। अभी लोग टीके के लिए बुकिंग जैसे झंझटों में फंसे थे। इससे टीका लगाने के काम में तेजी आएगी और कोरोना से लड़ाई बेहतर हो सकेगी।
Pre-registration for vaccination through online registration and prior booking of appointment is not mandatory to avail #Covid19Vaccine: Union Health Ministry pic.twitter.com/j19LTQjszo
— All India Radio News (@airnewsalerts) June 15, 2021
Anyone aged 18 years and above can directly go to the nearest vaccination centre wherein the vaccinator performs the on-site registration and provides vaccination.#COVID19Vaccination
— All India Radio News (@airnewsalerts) June 15, 2021
गौरतलब है कि टीके को लेकर पहले केंद्र ने सारा काम अपने हाथ में ले रखा था, लेकिन बाद में मोदी सरकार ने टीके की खरीद को तीन हिस्सों में बांट दिया। एक में केंद्र को टीके की खरीद करनी थी तो दूसरे में राज्यों को खरीद का अधिकार दिया गया था। तीसरे हिस्से में निजी क्षेत्र को टीकाकरण की सुविधा प्रदान करना था।
सरकार की इस नीति पर तब बखेड़ा खड़ा हुआ जब राज्यों को वैक्सीन कंपनियों ने सीधी खरीद से साफ तौर पर इन्कार कर दिया। तमाम हाथ-पैर मारने के बाद भी राज्यों को वैक्सीन नहीं मिली तो हर तरफ बवाल खड़ा हो गया। राज्यों ने वैक्सीन के दामों को लेकर भी सवाल खड़े किए। उसके बाद पीएम मोदी ने फिर से पहले की व्यवस्था को लागू कर दिया। अब 75 फीसदी टीके की खरीद का काम केंद्र के पास है जबकि बाकी की 25 फीसदी की खरीद निजी क्षेत्र को हस्तांतरित कर दी गई है।
उधर, वैक्सिनेशन पर एक्सपर्ट ने जो राय सरकार को दी है उसे देखकर लगता नहीं है कि सरकार सभी को वैक्सीन लगाने के मूड़ में है। एक्सपर्ट ने पीएम को भेजी अपनी रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा है कि सभी को टीका लगाना नादानी होगी। सरकार को चाहिए कि पहले उन लोगों को टीका लगाए जिनकी जान को ज्यादा खतरा है। उन्होंने अपनी रिपर्ट में माना है कि सरकार के पास टीके का पर्याप्त स्टॉक नहीं है। सभी को टीका कहां से मिलेगा। एक्सपर्ट की रिपोर्ट पर गौर किया जाए तो साफ है कि सरकार का ताजा फैसला संशय भरा है।