महाराष्ट्र एटीएस ने दावा किया है कि एंटीलिया केस में मनसुख हिरेन की मौत की गुत्थी सुलझा ली गयी है। इस मामले में रविवार को दो लोगों को गिरफ्तार किया गया। एटीएस के डीआईजी शिवदीप लांडे ने कहा कि अति संवेदनशील मनसुख हिरेन की मौत की गुत्थी सुलझ गयी है।

डीआईजी शिवदीप लांडे के अनुसार ठाणे एटीएस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक का नाम विनायक शिंदे है जो महाराष्ट्र पुलिस का एक सजायफ्ता कॉस्टेबल है। जबकि दूसरा नरेश नाम का व्यक्ति क्रिकेट मैच फिक्सिंग से जुड़ा हुआ बुकी है। बताते चलें कि विनायक को इससे पहले मुंबई के लखन भैया फर्जी एनकाउंटर मामले में सजा हो चुकी है। वो इन दिनों पैरोल पर जेल से बाहर आय़ा था।

एटीएस की तरफ से कहा गया है कि नरेश गोर ने इस मामले में अपराध के लिए पांच बेनामी सिमकार्ड इस मामले के मुख्य आरोपी सचिन वाजे और विनायक शिंदे को उपलब्ध करवाया था। एटीएस की तरफ से गिरफ्तार दोनों ही आरोपी को ठाणे की अदालत में पेश किया जहां कोर्ट ने दोनों ही आरोपी को 30 मार्च तक के लिए रिमांड पर भेज दिया।

बताते चलें कि 25 फरवरी को मुकेश अंबानी के घर के निकट एक स्कार्पियो से जिलेटिन की छड़े बरामद की गयी थी। बाद में जांच में पता चला था कि जिस स्कार्पियो में जिलेटिन की छड़ बरामद की गयी थी वो मनसुख हिरेन का था। घटना के एक सप्ताह बाद ही स्कार्पियो के मालिक मनसुख का शव ठाणे में बरामद किया गया था।

मनसुख हीरेन कार इंटीरियर का काम करता था। मनसुख की पत्नी ने आशंका जतायी थी कि उनके पति की हत्या की गयी है। साथ ही मनसुख के बेटे ने कहा था कि उसके पिता एक तैराक थे वह पानी में कूदकर जान कैसे दे सकते हैं? पुलिस को जब मनसुख की शव मिली थी तो उसके मुंह में कपड़ा ठुंसा हुआ था। उनके हाथ-पैर भी बांधे हुए थे।