अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के एक छात्र नेता के खिलाफ संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) में विरोध में प्रदर्शन करने के दौरान विभिन्न आरोपों में एक वर्ष पहले मामला दर्ज किया गया था। साथ ही अब प्रशासन ने छह माह के लिए उसे जिला बदर करने का आदेश जारी किया है।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर के अंतिम वर्ष के छात्र आरिफ खान त्यागी को उत्तर प्रदेश गुंडा अधिनियम के तहत शहर के अपर जिलाधिकारी राकेश कुमार मालपानी द्वारा छह माह तक जिला बदर किये जाने का आदेश पिछले सप्ताह जारी किया गया है। लेकिन आरिफ खान को यह आदेश दो दिन पहले ही मिला। प्रशासन द्वारा जारी किये गए आदेश में कहा गया है कि आरिफ त्यागी शहर की शांति के लिए खतरा है और उसकी मौजूदगी से शांति व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
आरिफ त्यागी के खिलाफ दिसंबर 2019 और जनवरी 2020 में एएमयू परिसर में सीएए विरोधी आंदोलन में दो माह की अवधि में गंभीर धाराओं में आधा दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। त्यागी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि उनके खिलाफ सभी मामले परिसर के अंदर विरोध प्रदर्शन से संबंधित हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि सभी नागरिकों, किसानों, संगठनों और छात्रों को शांतिपूर्ण तरीके से विरोध का अधिकार है और जिला बदर का आदेश अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है। इसके अलावा आरिफ खान त्यागी ने कहा कि वह इस आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे।
एजेंसी द्वारा संपर्क किये जाने पर एएमयू के प्रवक्ता प्रोफेसर एस किदवई ने कहा कि सीएए विरोध प्रदर्शन की घटनाओं के लिए पुलिस ने छात्र के खिलाफ मामला दर्ज किया था और विश्वविद्यालय ने अलग से छात्र के खिलाफ अलग से कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है।