हिमाचल प्रदेश के किन्नौर के नुगुलसारी इलाके में रिकांग पियो-शिमला राजमार्ग पर भूस्खलन के मलबे में फंसे 14 लोगों को अब तक बचा लिया गया है और 13  शव बरामद किए गए हैं। बचाव दल को मौके से टाटा सूमो में आठ शव मिले। मलबे में दबे लोगों की तलाश जारी है। आईटीबीपी ने बताया कि 3 बटालियन के करीब 200 जवान मौके पर हैं जहां भूस्खलन हो रहा है। माना जा रहा है कि करीब 30 लोग फंसे हुए हैं।

बता दें कि अर्थ मूवर्स द्वारा सड़क पर मलबा हटाने के बाद मलबे में बस का केवल एक पैनल मिला था। अब गहरी खाई में बस का मलबा मिला है। बस के कंडक्टर और ड्राइवर को बचा लिया गया था लेकिन वे दोनों ही गहरे सदमे में हैं। ITBP की टीमें अब बस को खोजने के लिए कई दिशाओं से नदी तल की ओर जा चुकी हैं। उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि हिमाचल प्रदेश सड़क परिवहन की बस समेत अनेक वाहन भूस्खलन के मलबे में दब गए। बस में 40 से अधिक यात्री सवार थे। बस किन्नौर के रेकॉन्ग प्यो से शिमला जा रही थी। किन्नौर के उपायुक्त ने बताया कि सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और स्थानीय बचाव दलों को बचाव कार्य के लिए बुलाया गया। सादिक ने बताया कि पत्थर अब भी गिर रहे हैं जिससे बचाव अभियान में कठिनाई आ रही है।

राज्य के सीएम जयराम ठाकुर ने बताया कि बचाव अभियान के लिए भारतीय सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और पुलिस की टीमें मौके पर हैं। पत्थरों का गिरना जारी है। रेस्क्यू टीम रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करने की कोशिश कर रही है। मलबे में 40-50 लोग फंसे हो सकते हैं। मलबे में फंसी बस के ड्राइवर और कंडक्टर समेत चार लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।

मृतकों के नाम
1- वंशिका (2) सपनी, किन्नौर
2- विजय कुमार (32), झोल, जिला हमीरपुर
3- नितिशा, गांव सुंगरा, किन्नौर
4- मीरा देवी (41) निचार, किन्नौर
5- प्रेम कुमारी (42), गांव लेबरांग, किन्नौर
6- ज्ञान दासी, गांव सपनी, किन्नौर
7- राधिका (22) गांव काफनो, किन्नौर
8- रोहित कुमार (24) तहसील रामपुर, जिला शिमला
9- कमलेश कुमार (34) गांव पिपुधार, सोलन
10- देवी चंद (53) गांव पलंगी, किन्नौर

मालूम हो कि पिछले महीने, हिमाचल प्रदेश में किन्नौर जिले की सांगला घाटी में एक भूस्खलन के दौरान एक पहाड़ी से नीचे गिरने वाले एक बोल्डर के एक टेंपो यात्री से टकरा जाने से नौ लोगों- आठ पर्यटकों और उनके ड्राइवर – की मौत हो गई थी।

मारे गए लोगों में छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के दार्री का एक 27 वर्षीय नौसैनिक अधिकारी और उसका अमेरिका में रहने वाला दोस्त भी शामिल था। घटना में जयपुर की एक 34 वर्षीय महिला आयुर्वेद डॉक्टर; और एक परिवार के तीन सदस्य – एक युवा चार्टर्ड एकाउंटेंट, उसकी बहन और उनकी माँ, जो कि राजस्थान के सीकर से थे, ने भी जान गंवाई थी।