ओडिशा में शुक्रवार को तीन ट्रेनों (Train Accident in Odisha) की भीषण टक्कर में 238 लोगों की मौत हो गई और 900 से अधिक लोग घायल हो गए। ये घटना न केवल हाल के दिनों में बल्कि आजादी के बाद की सबसे घातक दुर्घटनाओं में से एक है। शुक्रवार को चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस (Coromandel Express) ओडिशा के बालासोर में बहनागा बाजार स्टेशन के पास पटरी से उतर गई और हावड़ा जाने वाली बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस से टकरा गई। इसके बाद कोरोमंडल के पटरी से उतरे डिब्बे वहां खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गए।
कोरोमंडल एक्सप्रेस की टॉप स्पीड 130 किमी/घंटा
कोरोमंडल एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 12842) चेन्नई और शालीमार (हावड़ा में) के बीच 27 घंटे और पांच मिनट में 1,662 किमी की दूरी तय करती है। कोरोमंडल एक्सप्रेस की टॉप स्पीड 130 किमी/घंटा है। शुक्रवार की त्रासदी ने 2009 के कोरोमंडल हादसे की यादें ताजा कर दीं, जिसमें करीब 16 यात्रियों की मौत हो गई थी। वह 13 फरवरी, 2009 की शुक्रवार की एक और दुर्भाग्यपूर्ण रात थी।
2009 की दुर्घटना तब हुई थी जब ट्रेन बहुत तेज गति से जाजपुर रोड रेलवे स्टेशन से गुजर रही थी और ट्रैक बदल रही थी। ट्रेन का इंजन एक ट्रैक पर चला गया और पलट गया। 2009 की दुर्घटना भी शाम को हुई थी और शाम 7.30 बजे से 7.40 बजे के बीच था।
रात भर के बचाव अभियान के बाद ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना में मरने वालों की संख्या 238 तक पहुंच गई। जैसे-जैसे शव बरामद किए जा रहे हैं, उससे यह लग रहा की मृतकों के आंकड़े और बढ़ सकते हैं। स्थानीय लोगों ने कहा कि उन्होंने एक के बाद एक तेज आवाजें सुनीं और जब वे मौके पर पहुंचे तो चारों ओर सिर्फ क्षत-विक्षत डिब्बे और शव पड़े थे।
UNGA के अध्यक्ष ने जताया शोक
UNGA के अध्यक्ष चाबा कोरोशी ने ओडिशा में हुए भीषण ट्रेन हादसे को लेकर पीड़ित परिवारों के प्रति शोक जताया है। UN महासभा के 77वें सत्र के अध्यक्ष कोरोशी ने ट्वीट किया, ‘‘भारत के ओडिशा में ट्रेन दुर्घटना की खबर सुनकर मुझे गहरा दुख हुआ है। मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं पीड़ितों, उनके परिवारों और आपातकालीन सेवाओं के साथ हैं।’’