‘पुष्करम’ महोत्सव के पहले ही दिन आज यहां गोदावरी नदी के तट पर भगदड़ मच जाने से 17 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। पूर्वी गोदावरी जिला कलेक्टर अरुण कुमार ने बताया कि इस त्रासदी में 17 लोगों की मौत हो गई।
राजामुंद्री के उप कलेक्टर विजय रामराजू ने बताया कि मृतकों में कम से कम 13 महिलाएं हैं। बड़ी संख्या में लोग गोदावरी नदी में स्नान के लिए पुष्कर घाट की ओर जाने की कोशिश कर रहे थे, इसी दौरान यह हादसा हुआ जिसमें करीब 20 लोग घायल हो गए।
अधिकारियों ने बताया कि शवों को राजमुंद्री सरकारी अस्पताल ले जाया गया है। बारह साल में एक बार मनाए जाने वाले गोदावरी ‘पुष्करम’ को इस बार खगोलीय दृष्टिकोण से अत्यंत शुभ माना जा रहा है क्योंकि यह महा पुष्करालू है जो 144 साल बाद पड़ता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगदड़ में लोगों के मारे जाने पर दु:ख प्रकट किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से इस बारे में बात की।
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इससे पहले मुख्यमंत्री नायडू, उनकी पत्नी और पुत्र ने आंध्र प्रदेश में राजमुंद्री में पवित्र स्नान किया जहां गोदावरी नदी अपने पूरे उफान पर है। उन्होंने नदी की पूजा की और शंख बजाकर 12 दिन तक चलने वाले उत्सव का शुभारंभ किया।
कांची के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती ने भी राजमुंद्री में पवित्र स्नान किया। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने राज्य में आयोजन की शुरुआत करते हुए करीमनगर जिले के धर्मपुरी में पवित्र स्नान किया।
‘पुष्करम’ ‘कुंभ मेला’ के समान है जो नदियों के किनारे मनाया जाता है और पवित्र स्नान उत्सव की मुख्य परंपरा है।