देशभर में कई राज्यों में जहां शराब की बिक्री पूरी तरह बैन हैं, वहीं कई राज्य ऐसे भी हैं जिनके रेवेन्यू में शराब बड़ा योगदान देती है। ऐसे ही एक राज्य की प्लानिंग नए लिकर स्टोर खोल कर पैसे कमाने की है। कैश की कमी से जूझ रहे इस राज्य को शराब की बिक्री से लगभग 20,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है।
सूत्रों ने सोमवार को कहा कि नकदी संकट से जूझ रही आंध्र प्रदेश सरकार को शेष वित्तीय वर्ष के दौरान लाइसेंस शुल्क और शराब की बिक्री से लगभग 20,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है।
एक सूत्र ने न्यूज-एजेंसी पीटीआई को बताया, “इस तरह राज्य सरकार ने 3,396 दुकानों के लिए गैर-वापसीयोग्य आवेदन शुल्क के रूप में 1,800 करोड़ रुपये कमाए। एक बार लॉटरी के आधार पर आउटलेट आवंटित होने के बाद, विजेता को छह किश्तों में 50 लाख रुपये से 85 लाख रुपये तक की लाइसेंस फीस का भुगतान करना होगा। पिछले साल सरकार को शराब बिक्री से 30,000 करोड़ रुपये मिले थे। इस साल शेष छह महीनों के लिए, सरकार 17,000 करोड़ रुपये से अधिक की उम्मीद कर रही है।”
निजी शराब की दुकानों के लिए लगभग 90 हजार आवेदन मिले
राजस्व (आबकारी) के प्रधान सचिव मुकेश कुमार मीणा के अनुसार, राज्य सरकार को पूरे राज्य में 3,396 निजी शराब की दुकानों के लिए लगभग 90,000 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसमें 2 लाख रुपये गैर-वापसी योग्य आवेदन शुल्क के रूप में सरकारी खजाने में लगभग 1,800 करोड़ रुपये का योगदान है।
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राज्य सरकार को शराब की दुकानों से छह किस्तों में लाइसेंस शुल्क के रूप में सालाना 2,084 करोड़ रुपये मिलेंगे। अधिकारी ने कहा कि सभी शराब दुकान लाइसेंस धारकों से सामूहिक पहली किस्त की राशि 335 करोड़ रुपये मंगलवार तक मिल जायेगी। इसके अलावा, अधिकारी ने कहा कि वाईएसआरसीपी शासन के दौरान केवल नकद मोड के विपरीत, उपभोक्ताओं को शराब की दुकानों पर नकद, यूपीआई और भुगतान के सभी तरीकों से पेमेंट किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता में आंध्र प्रदेश मंत्रिमंडल ने पिछले महीने सरकारी स्वामित्व वाली खुदरा दुकानों से जुड़ी पुरानी उत्पाद शुल्क नीति को खत्म कर दिया और एक नई नीति पेश की, जिसमें बार के अलावा निजी दुकानों को भी शराब बेचने की अनुमति दी जाएगी। सरकार ने राज्य भर में 3,396 दुकानों के लिए आवेदन आमंत्रित किए और ड्रॉ के माध्यम से दुकानों का आवंटन सोमवार को किया गया।
शराब के सबसे ब्रांड की ये होगी कीमत
विधानसभा चुनावों के दौरान, तब विपक्ष में रहे नायडू ने पिछली वाईएसआरसीपी सरकार पर ऊंची कीमतें तय करने का आरोप लगाया था जो शराब की गुणवत्ता के अनुरूप नहीं थीं। नायडू सरकार द्वारा लाई गई नई नीति के अनुसार, शराब का सबसे सस्ता ब्रांड 99 रुपये प्रति 180 एमएल बोतल पर उपलब्ध होगा।
(इनपुट- पीटीआई)